Bible-Server.org  
 
 
Praise the Lord, all ye nations      
Psalms 117:1       
 
enter keywords   match
 AND find keywords in

Home Page
Genesis
उत्पत्ति
Exodus
निर्गमन
Leviticus
लैव्यवस्था
Numbers
गिनती
Deuteronomy
व्यवस्थाविवरण
Joshua
यहोशू
Judges
न्यायियों
Ruth
रूत
1 Samuel
1 शमूएल
2 Samuel
2 शमूएल
1 Kings
1 राजा
2 Kings
2 राजा 
1 Chronicles
1 इतिहास
2 Chronicles
2 इतिहास
Ezra
एज्रा
Nehemiah
नहेमायाह
Esther
एस्तेर
Job
अय्यूब
Psalms
भजन संहिता
Proverbs
नीतिवचन
Ecclesiastes
सभोपदेशक
Song of Solomon
श्रेष्ठगीत
Isaiah
श्रेष्ठगीत
Jeremiah
यिर्मयाह
Lamentations
विलापगीत
Ezekiel
यहेजकेल
Daniel
दानिय्येल
Hosea
होशे
Joel
योएल
Amos
आमोस
Obadiah
ओबद्दाह
Jonah
योना
Micah
मीका
Nahum
नहूम
Habakkuk
हबक्कूक
Zephaniah
सपन्याह
Haggai
हाग्गै
Zechariah
जकर्याह
Malachi
मलाकी
Matthew
मत्ती
Mark
मरकुस
Luke
लूका
John
यूहन्ना
Acts
प्रेरितों के काम
Romans
रोमियो
1 Corinthians
1 कुरिन्थियों
2 Corinthians
2 कुरिन्थियों
Galatians
गलातियों
Ephesians
इफिसियों
Philippians
फिलिप्पियों
Colossians
कुलुस्सियों
1 Thessalonians
1 थिस्सलुनीकियों
2 Thessalonians
2 थिस्सलुनीकियों
1 Timothy
1 तीमुथियुस
2 Timothy
2 तीमुथियुस
Titus
तीतुस
Philemon
फिलेमोन
Hebrews
इब्रानियों
James
याकूब
1 Peter
1 पतरस
2 Peter
2 पतरस
1 John
1 यूहन्ना
2 John
2 यूहन्ना
3 John
3 यूहन्ना
Jude
यहूदा
Revelation
प्रकाशित वाक्य
 
 

 
 
translate into
यिर्मयाह Chapter5
 
1 यरूशलेम की सड़कोंमें इधर उधर दौड़कर देखो ! उसके चौकोंमें ढूंढ़ो यदि कोई ऐसा मिल सके जो त्याय से काम करे और सच्चाई का खोजी हो; तो मैं उसका पाप झमा करूंगा।
 
2 यद्यमि उसके निवासी यहोवा के जीवन की शपय भी खाएं, तौभी निश्चय वे फूठी शपय खाते हैं।
 
3 हे यहोवा, क्या तेरी दृष्टि सच्चाई पर नहीं है? तू ने उनको दु:ख दिया, परन्तु वे शोकित नहीं हुए; तू ने उनको नाश किया, परन्तु उन्होंने ताड़ना से भी नहीं माना। उन्होंने अपना मन चट्टान से भी अधिक कठोर किया है; उन्होंने पश्चात्ताप करने से इनकार किया है।
 
4 फिर मैं ने सोचा, थे लोग तो कड़गाल और अबोध ही हैं; क्योंकि थे यहोवा का मार्ग और अपके परमेश्वर का नियम नहीं जानते।
 
5 इसलिथे मैं बड़े लोगोंके पास जाकर उनको सुनाऊंगा; क्योंकि वे तो यहोवा का मार्ग और अपके परमेश्वर का नियम जानते हैं। परन्तु उन सभोंने मिलकर जूए को तोड़ दिया है और बन्धनोंको खोल डाला है।
 
6 इस कारण वन में से एक सिंह आकर उनहें मार डालेगा, निर्जल देश का एक भेडिय़ा उनको नाश करेगा। और एक चीता उनके नगरोंके पास घात लगाए रहेगा, और जो कोई उन में से निकले वह फाडा जाएगा; क्योंकि उनके अपराध बहुत बढ़ गए हैं और वे मुझ से बहुत ही दूर हट गए हैं।
 
7 मैं क्योंकर तेरा पाप झमा करूं? तेरे लड़कोंने मुझ को छोड़कर उनकी शपय खाई है जो परमेश्वर नहीं है। जब मैं ने उनका पेट भर दिया, तब उन्होंने व्यभिचार किया और वेश्याओं के घरोंमें भीड़ की भीड़ जाते थे।
 
8 वे खिलाए-पिलाए बे-लगाम घेड़ोंके समान हो गए, वे अपके अपके पड़ोसी की स्त्री पर हिनहिनाने लगे।
 
9 क्या मैं ऐसे कामोंका उन्हें दण्ड न दूं? यहोवा की यह वाणी है; क्या मैं ऐसी जाति से अपना पलटा न लूं?
 
10 शहरपनाह पर चढ़के उसका नाश तो करो, तौभी उसका अन्त मत कर डालो; उसकी जड़ रहने दो परन्तु उसकी डालियोंको तोड़कर फेंक दो, क्योंकि वे यहोवा की नहीं हैं।
 
11 यहोवा की यह वाणी है कि इस्राएल और यहूदा के घरानोंने मुझ से बड़ा विश्वासघात किया है।
 
12 उन्होंने यहोवा की बातें फुठलाकर कहा, वह ऐसा नहीं है; विपत्ति हम पर न पकेगी, न हम तलवार को और न महंगी को देखेंगे।
 
13 भविष्यद्वक्ता हवा हो जाएंगे; उन में ईश्वर का वचन नहीं है। उनके साय ऐसा ही किया जाएगा !
 
14 इस कारण सेनाओं का परमेश्वर यहोवा योंकहता है, थे लोग जो ऐसा कहते हैं, इसलिथे देख, मैं अपना वचन तेरे मुंह में आग, और इस प्रजा को काठ बनाऊंगा, और वह उनको भस्म करेगी।
 
15 यहोवा की यह वाणी है, हे इस्राएल के घराने, देख, मैं तुम्हारे विरुद्ध दूर से ऐसी जाति को चढ़ा लाऊंगा जो सामयीं और प्राचीन है, उसकी भाषा तुम न समझोगे, और न यह जानोगे कि वे लोग क्या कह रहे हैं।
 
16 उनका तर्कश खुली क़ब्र है और वे सब के सब शूरवीर हैं।
 
17 तुम्हारे पक्के खेत और भोजनवस्तुएं जो तुम्हारे बेटे-बेटियोंके खाने के लिथे हैं उन्हें वे खा जाएंगे। वे तुम्हारी भ्ोड़-बकरियोंऔर गाय-बैलोंको खा डालेंगे; वे तुम्हारी दाखोंऔर अंजीरोंको खा जाएंगे; और जिन गढ़वाले नगरोंपर तुम भरोसा रखते हो उन्हें वे तलवार के बल से नाश कर देंगे।
 
18 तौभी, यहोवा की यह वाणी है, उन दिनोंमें भी मैं तुम्हारा अन्त न कर डालूंगा।
 
19 और जब तुम पूछोगे कि हमारे परमेश्वर यहोवा ने हम से थे सब काम किस लिथे किए हैं, तब तुम उन से कहना, जिस प्रकार से तुम ने मुझ को त्यागकर अपके देश में दूसरे देवताओं की सेवा की है, उसी प्रकार से तुम को पराथे देश में परदेशियोंकी सेवा करनी पकेगी।
 
20 याकूब के घराने में यह प्रचार करो, और यहूदा में यह सुनाओ:
 
21 हे मूर्ख और निर्बुद्धि लोगो, तुम जो आंखें रहते हुए नहीं देखते, जो कान रहते हुए नहीं सुनते, यह सुनो।
 
22 यहोवा की यह वाणी है, क्या तुम लोग मेरा भय नहीं मानते? क्या तुम मेरे सम्मुख नहीं यरयराते? मैं ने बालू को समुद्र का सिवाना ठहराकर युग युग का ऐसा बान्ध ठहराया कि वह उसे लांध न सके; और चाहे उसकी लहरें भी उठें, तौभी वे प्रबल न हो सकें, या जब वे गरजें तौभी उसको न लांध सकें।
 
23 पर इस प्रजा का हठीला और बलवा करनेवाला मन है; इन्होंने बलवा किया और दूर हो गए हैं।
 
24 वे मन में इतना भी नहीं सोचते कि हमारा परमेश्वर यहोवा तो बरसात के आरम्भ और अन्त दोनोंसमयोंका जल समय पर बरसाता है, और कटनी के नियत सप्ताहोंको हमारे लिथे रखता है, इसलिथे हम उसका भय मानें।
 
25 परन्तु तुम्हारे अधर्म के कामोंही के कारण वे रुक गए, और तुम्हारे पापोंही के कारण तुम्हारी भलाई नहीं होती।
 
26 मेरी प्रजा में दुष्ट लोग पाए जाते हैं; जैसे चिड़ीमार ताक में रहते हैं, वैसे ही वे भी घात लगाए रहते हैं। वे फन्दा लगाकर मनुष्योंको अपके वश में कर लेते हैं।
 
27 जैसा पिंजड़ा चिडिय़ोंसे भरा हो, वैसे ही उनके घर छल से भरे रहते हैं; इसी प्रकार वे बढ़ गए और धनी हो गए हैं।
 
28 वे मोटे और चिकने हो गए हैं। बुरे कामोंमें वे सीमा को लांध गए हैं; वे न्याय, विशेष करके अनायोंका न्याय नहीं चुकाते; इस से उनका काम सफल नहीं होता : वे कंगालोंका हक़ भी नहीं दिलाते।
 
29 इसलिथे, यहोवा की यह वाणी है, क्या मैं इन बातोंका दण्ड न दूं? क्या मैं ऐसी जाति से पलटा न लूं?
 
30 देश में ऐसा काम होता है जिस से चकित और रोमांचित होना चाहिथे।
 
31 भचिष्यद्वक्ता फूठमूठ भविष्यद्वाणी करते हैं; और याजक उनके सहारे से प्रभुता करते हैं; मेरी प्रजा को यह भाता भी है, परन्तु अन्त के समय तुम क्या करोगे?
 
 

  [ Prev ] 1 | 2 | 3 | 4 | | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 | 41 | 42 | 43 | 44 | 45 | 46 | 47 | 48 | 49 | 50 | 51 | 52 | [ Next ]