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Psalms 117:1       
 
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प्रकाशित वाक्य
 
 

 
 
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अय्यूब Chapter1
 
1 ऊज़ देश में अय्यूब नाम एक पुरुष या; वह खरा और सीधा या और परमेश्वर का भय मानता और बुराई से पके रहता या।
 
2 उसके सात बेटे और तीन बेटियां उत्पन्न हुई।
 
3 फिर उसके सात हजार भेड़-बकरियां, तीन हजार ऊंट, पांच सौ जोड़ी बैल, और पांच सौ गदहियां, और बहुत ही दास-दासियां यीं; वरन उसके इतनी सम्पत्ति यी, कि पूरबियोंमें वह सब से बड़ा या।
 
4 उसके बेटे उपके अपके दिन पर एक दूसरे के घर में खाने-पीने को जाया करते थे; और अपक्की तीनोंबहिनोंको अपके संग खाने-पीने के लिथे बुलवा भेजते थे।
 
5 और जब जब जेवनार के दिन पूरे हो जाते, तब तब अय्यूब उन्हें बुलवाकर पवित्र करता, और बड़ी भोर उठकर उनकी गिनती के अनुसार होमबलि चढ़ाता या; क्योंकि अय्यूब सोचता या, कि कदाचित्‌ मेरे लड़कोंने पाप करके परमेश्वर को छोड़ दिया हो। इसी रीति अय्यूब सदैव किया करता या।
 
6 एक दिन यहोवा परमेश्वर के पुत्र उसके साम्हने उपस्यित हुए, और उनके बीच शैतान भी आया।
 
7 यहोवा ने शैतान से पूछा, तू कहां से आता है? शैतान ने यहोवा को उत्तर दिया, कि पृय्वी पर इधर-उधर घूमते-फिरते और डोलते-डालते आया हूँ।
 
8 यहोवा ने शैतान से पूछा, क्या तू ने मेरे दास अय्यूब पर ध्यान दिया है? क्योंकि उसके तुल्य खरा और सीधा और मेरा भय माननेवाला और बुराई से दूर रहनेवाला मनुष्य और कोई नहीं है।
 
9 शैतान ने यहोवा को उत्तर दिया, क्या अय्यूब परमेश्वर का भय बिना लाभ के मानता है?
 
10 क्या तू ने उसकी, और उसके घर की, और जो कुछ उसका है उसके चारोंओर बाड़ा नहीं बान्धा? तू ने तो उसके काम पर आशीष दी है, और उसकी सम्पत्ति देश भर में फैल गई है।
 
11 परन्तु अब अपना हाथ बढ़ाकर जो कुछ उसका है, उसे छू; तब वह तेरे मुंह पर तेरी निन्दा करेगा।
 
12 यहोवा ने शैतान से कहा, सुन, जो कुछ उसका है, वह सब तेरे हाथ में है; केवल उसके शरीर पर हाथ न लगाना। तब शैतान यहोवा के साम्हने से चला गया।
 
13 एक दिन अय्यूब के बेटे-बेटियां बड़े भाई के घर में खाते और दाखमधु पी रहे थे;
 
14 तब एक दूत अय्यूब के पास आकर कहने लगा, हम तो बैलोंसे हल जोत रहे थे, और गदहियां उनके पास चर रही यी,
 
15 कि शबा के लोग धावा करके उनको ले गए, और तलवार से तेरे सेवकोंको मार डाला; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।
 
16 वह अभी यह कह ही रहा या कि दूसरा भी आकर कहने लगा, कि परमेश्वर की आग आकाश से गिरी और उस से भेड़-बकरियां और सेवक जलकर भस्म हो गए; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।
 
17 वह अभी यह कह ही रहा या, कि एक और भी आकर कहने लगा, कि कसदी लोग तीन गोल बान्धकर ऊंटोंपर धावा करके उन्हें ले गए, और तलवार से तेरे सेवकोंको मार डाला; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।
 
18 वह अभी यह कह ही रहा या, कि एक और भी आकर कहने लगा, तेरे बेट-बेटियां बड़े भाई के घर में खाते और दाखमधु पीते थे,
 
19 कि जंगल की ओर से बड़ी प्रचणड वायु चक्की, और घर के चारोंकोनोंको ऐसा फोंका मारा, कि वह जवानोंपर गिर पड़ा और वे मर गए; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।
 
20 तब अय्यूब उठा, और बागा फाड़, सिर मुंड़ाकर भूमि पर गिरा और दणडवत्‌ करके कहा,
 
21 मैं अपक्की मां के पेट से नंगा निकला और वहीं नंगा लौट जाऊंगा; यहोवा ने दिया और यहोवा ही ने लिया; यहोवा का नाम धन्य है।
 
22 इन सब बातोंमें भी अय्यूब ने न तो पाप किया, और न परमेश्वर पर मूर्खता से दोष लगाया।
 
 

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