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प्रकाशित वाक्य
 
 

 
 
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1 राजा Chapter13
 
1 तब यहोवा से वचन पाकर परमेश्वर का बक जन यहूदा से बेतेल को आया, और यारोबाम धूप जलाने के लिथे वेदी के पास खड़ा या।
 
2 उस जन ने यहोवा से वचन पाकर वेदी के विरुद्ध योंपुकारा, कि वेदी, हे वेदी ! यहोवा योंकहता है, कि सुन, दाऊद के कुल में योशिय्याह नाम एक लड़का उत्पन्न होगा, वह उन ऊंचे स्यनोंके याजकोंको जो तुझ पर धूप जलाते हैं, तुझ पर बलि कर देगा; और तुझ पर पनुष्योंकी हड्डियां जलाई जाएंगी।
 
3 और उस ने, उसी दिन यह कहकर उस बात का एक चिह्रृ भी बताया, कि यह वचन जो यहोवा ने कहा है, इसका चिह्रृ यह है कि यह वेदी फट जाएगी, और इस पर की राख गिर जाएगी।
 
4 तब ऐसा हुआ कि परमेश्वर के जन का यह वचन सुनकर जो उस ने बेतेल के विरुद्ध पुकार कर कहा, यारोबाम ने वेदी के पास से हाथ बढ़ाकर कहा, उसको पाड़ लो : तब उसका हाथ जो उसकी ओर बढ़ाया गया या, सूख गया और वह उसे अपक्की ओर खींच न सका।
 
5 और वेदी फट गई, और उस पर की राख गिर गई; सो वह चिह्रृ पूरा हुआ, जो परमेश्वर के जन ने यहोवा से वचन पाकर कहा या।
 
6 तब राजा ने परमेश्वर के जन से कहा, अपके परमेश्वर यहोवा को मना और मेरे लिथे प्रार्यना कर, कि मेरा हाथ ज्योंका त्यो हो जाए : तब परमेश्वर के जन ने यहोवा को मनाया और राजा का हाथ फिर ज्योंका त्योंहो गया।
 
7 तब राजा ने परमेश्वर के जन से कहा, मेरे संग घर चलकर अपना प्राण ठंडा कर, और मैं तुझे दान भी दूंगा।
 
8 परमेश्वर के जन ने राजा से कहा, चाहे नू मुझे अपना आधा घर भी दे, तौभी तेरे घर न चलूंगा; और इस स्यन में मैं न तो रोटी खाऊंगा और न पानी पीऊंगा।
 
9 क्योंकि यहोवा के वचन के द्वारा मुझे योंआज्ञा मिली है, कि न तो रोटी खाना, और न पानी पीना, और न उस मार्ग से लौटना जिस से तू जाएगा।
 
10 इसलिथे वह उस मार्ग से जिसे बेतेल को गया या न लौटकर, दूसरे मार्ग से चला गया।
 
11 बेतेल में एक बूढ़ा नबी रहता या, और उसके एक बेटे ने आकर उस से उन सब कामोंका वर्णन किया जो परमेश्वर के जन ने उस दिन बेतेल में किए थे; और जो बातें उस ने राजा से कही थीं, उनको भी उस ने अपके पिता से कह सुनाया।
 
12 उसके बेटोंने तो यह देखा या, कि परमेश्वर का वह जन जो यहूदा से आया या, किस मार्ग से चला गया, सो उनके पिता ने उन से पूछा, वह किस मार्ग से चला गया?
 
13 और उस ने अपके बेटोंसे कहा, मेरे लिथे गदहे पर काठी बान्धो्र; तब अन्होंने गदहे पर काठी बान्धी, और वह उस पर चढ़ा,
 
14 और परमेश्वर के जन के पीछे जाकर उसे एक बांजवृझ के तले बैठा हुआ पाया; और उस से मूछा, परमेश्वर का जो जन यहूदा से आया या, क्या तू वही है?
 
15 उस ने कहा हां, वही हूँूू। उस ने उस से कहा, मेरे संग घर चलकर भोजन कर।
 
16 उस ने उस से कहा, मैं न तो तेरे संग लौट सकता, और न तेरे संग घर में जा सकता हूँ और न मैं इस स्यान में तेरे संग रोटी खाऊंगा, वा पानी पीऊंगा।
 
17 क्योंकि यहोवा के वचन के द्वारा मुझे यह आज्ञा मिली है, कि वहां न तो रोटी खाना और न पानी पीना, और जिस मार्ग से तू जाएगा उस से न लौटना।
 
18 उस ने कहा, जैसा तू नबी है वैसा ही मैं भी नबी हूँ; और मुझ से एक दूत ने यहोवा से वचन पाकर कहा, कि उस पुरुष को अपके संग अपके घर लौटा ले आ, कि वह रोटी खाए, और पानी पीए। यह उस ने उस से फूठ कहा।
 
19 अतएव वह उसके संग लौट गया और उसके घर में रोटी खाई और मानी पीया।
 
20 और जब वे मेज पर बैठे ही थे, कि यहोवा का वचन उस नबी के पास पहुंचा, जो दूसरे को लौटा ले आया या।
 
21 और उस ने परमेश्वर के उस जन को जो यहूदा से आया या, पुकार के कहा, यहोवा योंकहता है इसलिथे कि तू ने यहोवा का वचन न माना, और जो आज्ञा तेरे परमेश्वर यहोवा ने तुझे दी यी उसे भी नहीं माना;
 
22 परन्तु जिस स्यान के विषय उस ने तुझ से कहा या, कि उस में न तो रोटी खाना और न पानी पीना, उसी में तू ने लौट कर रोटी खाई, और पानी भी पिया है इस कारण तूफे अपके पुरखाओं के कब्रिस्तान में मिट्टी नहीं दी जाएगी।
 
23 जब यह खा पी चुका, तब उस ने परमेश्वर के उस जन के लिथे जिसको वह लौटा ले आया या गदहे पर काठी बन्धाई।
 
24 जब वह मार्ग में चल रहा या, तो एक सिंह उसे मिला, और उसको मार डाला, और उसकी लोय मार्ग पर पक्की रही, और गदहा उसके पास खड़ा रहा और सिंह भी लोय के पास खड़ा रहा।
 
25 जो लोग उधर से चले आ रहे थे उन्होंने यह देख कर कि मार्ग पर एक लोय पक्की है, और उसके पास सिंह खड़ा है, उस नगर में जाकर जहां वह बूढ़ा नबी रहता या यह समाचार सुनाया।
 
26 यह सुनकर उस नबी ने जो उसको मार्ग पर से लौटा ले आया या, कहा, परमेश्वर का वही जन होगा, जिस ने यहोवा के वचन के विरुद्ध किया या, इस कारण यहोवा ने उसको सिंह के पंजे में पड़ने दिया; और यहोवा के उस वचन के अनुसार जो उस ने उस से कहा या, सिंह ने उसे फाड़कर मार डाला होगा।
 
27 तब उस ने अपके बेटोंसे कहा, मेरे लिथे गदहे पर काठी बान्धो; जब उन्होंने काठी बान्धी,
 
28 तब उस ने जाकर उस जन की लोय मार्ग पर पक्की हुई, और गदहे, और सिंह दोनोंको लोय के पास खड़े हुए पाया, और यह भी कि सिंह ने न तो लौय को खाया, और न बदहे को फाड़ा है।
 
29 तब उस बूढ़े नबी ने परमेश्वर के जन की लोय उठाकर गदहे पर लाद ली, और उसके लिथे छाती पीटने लगा, और उसे मिट्टी देने को अपके नगर में लौटा ले गया।
 
30 और उस ने उसकी लोय को अपके कब्रिस्तान में रखा, और लोग हाथ, मेरे भाई ! यह कहकर छाती पीटने लगे।
 
31 फिर उसे मिट्टी देकर उस ने अपके बेटोंसे कहा, जब मैं मर जाऊंगा तब मुझे इसी कब्रिस्तान में रखना, जिस में परमेश्वर का यह जन रखा गया है, और मेरी हड्डियां उसी की हड्डियोंके पास धर देना।
 
32 क्योंकि जो वचन उस ने यहोवा से पाकर बेतेल की वेदी और शोंमरोन के नगरोंके सब ऊंचे स्यानोंके भवनोंके विरुद्ध पुकार के कहा है, वह निश्चय पूरा हो जाएगा।
 
33 इसके बाद यारोबाम अपक्की बुरी चाल से न फिरा। उस ने फिर सब प्रकार के लोगो में से ऊंचे स्यानोंके याजक बनाए, वरन जो कोई चाहता या, उसका संस्कार करके, वह उसको ऊंचे स्यानोंका याजक होने को ठहरा देता या।
 
34 और यह बात यारोबाम के घराने का पाप ठहरी, इस कारण उसका विनाश हुआ, और वह धरती पर से नाश किया गया।
 
 

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