Bible-Server.org  
 
 
Praise the Lord, all ye nations      
Psalms 117:1       
 
enter keywords   match
 AND find keywords in

Home Page
Genesis
उत्पत्ति
Exodus
निर्गमन
Leviticus
लैव्यवस्था
Numbers
गिनती
Deuteronomy
व्यवस्थाविवरण
Joshua
यहोशू
Judges
न्यायियों
Ruth
रूत
1 Samuel
1 शमूएल
2 Samuel
2 शमूएल
1 Kings
1 राजा
2 Kings
2 राजा 
1 Chronicles
1 इतिहास
2 Chronicles
2 इतिहास
Ezra
एज्रा
Nehemiah
नहेमायाह
Esther
एस्तेर
Job
अय्यूब
Psalms
भजन संहिता
Proverbs
नीतिवचन
Ecclesiastes
सभोपदेशक
Song of Solomon
श्रेष्ठगीत
Isaiah
श्रेष्ठगीत
Jeremiah
यिर्मयाह
Lamentations
विलापगीत
Ezekiel
यहेजकेल
Daniel
दानिय्येल
Hosea
होशे
Joel
योएल
Amos
आमोस
Obadiah
ओबद्दाह
Jonah
योना
Micah
मीका
Nahum
नहूम
Habakkuk
हबक्कूक
Zephaniah
सपन्याह
Haggai
हाग्गै
Zechariah
जकर्याह
Malachi
मलाकी
Matthew
मत्ती
Mark
मरकुस
Luke
लूका
John
यूहन्ना
Acts
प्रेरितों के काम
Romans
रोमियो
1 Corinthians
1 कुरिन्थियों
2 Corinthians
2 कुरिन्थियों
Galatians
गलातियों
Ephesians
इफिसियों
Philippians
फिलिप्पियों
Colossians
कुलुस्सियों
1 Thessalonians
1 थिस्सलुनीकियों
2 Thessalonians
2 थिस्सलुनीकियों
1 Timothy
1 तीमुथियुस
2 Timothy
2 तीमुथियुस
Titus
तीतुस
Philemon
फिलेमोन
Hebrews
इब्रानियों
James
याकूब
1 Peter
1 पतरस
2 Peter
2 पतरस
1 John
1 यूहन्ना
2 John
2 यूहन्ना
3 John
3 यूहन्ना
Jude
यहूदा
Revelation
प्रकाशित वाक्य
 
 

 
 
translate into
1 राजा Chapter2
 
1 जब दाऊद के मरने का समय निकट आया, तब उस ने अपके पुत्र सुलैमान से कहा,
 
2 कि मैं लोक की रीति पर कूच करनेवाला हूँ इसलिथे तू हियाब बांधकर पुरुषार्य दिखा।
 
3 और जो कुछ तेरे परमेश्वर यहोवा ने तुझे सौंपा है, उसकी रझा करके उसके मागॉं पर चला करना और जैसा मूसा की व्यवस्या में लिखा है, वैसा ही उसकी विधियोंतया आज्ञाओं, और नियमों, और चितौनियोंका पालन करते रहना; जिस से जो कुछ तू करे और जहां कहीं तू जाए, उस में तू सफल होए;
 
4 और यहोवा अपना वह वचन पूरा करे जो उस ने मेरे विषय में कहा या, कि यदि तेरी सन्तान अपक्की चाल के विषय में ऐसे सावधान रहें, कि अपके सम्पूर्ण ह्रृदय और सम्पूर्ण प्राण से सच्चाई के साय नित मेरे सम्मुख चलते रहें तब तो इस्राएल की राजगद्दी पर विराजनेवाले की, तेरे कुल परिवार में घटी कभी न होगी।
 
5 फिर तू स्वयं जानता है, कि सरूयाह के पुत्र योआब ने मुझ से क्या क्या किया ! अर्यात्‌ उस ने नेर के पुत्र अब्नेर, और थेतेर के पुत्र अमासा, इस्राएल के इन दो सेनापतियोंसे क्या क्या किया। उस ने उन दोनोंको घात किया, और मेल के सपय युद्ध का लोहू बहाकर उस से अपक्की कमर का कमरबन्द और अपके पावोंकी जूतियां भिगो दीं।
 
6 इसलिथे तू अपक्की बुद्धि से काम लेना और उस पक्के बालवाले को अधोलोक में शांति से उतरने न देना।
 
7 फिर गिलादी बजिर्ल्लै के पुत्रोंपर कृपा रखना, और वे तेरी मेज पर खानेवालोंमें रहें, क्योंकि जब मैं तेरे भाई अबशालोम के साम्हने से भागा जा रहा या, तब उन्होंने मेरे पास आकर वैसा ही किया या।
 
8 फिर सुन, तेरे पास बिन्यामीनी गेरा का पुत्र बहूरीमी शिमी रहता है, जिस दिन मैं महनैम को जाता या उस दिन उस ने मुझे कड़ाई से शाप दिया या पर जब वह मेरी भेंट के लिथे यरदन को आया, तब मैं ने उस से यहोवा की यह शपय खाई, कि मैं तुुफे तलवार से न मार डालूंगा।
 
9 परन्तु अब तू इसे निदॉष न ठहराना, तू तो बुद्धिमान पुरुष है; तुझे मालूम होगा कि उसके साय क्या करना चाहिथे, और उस पक्के बालवाले का लोहू बहाकर उसे अधोलोक में उतार देना।
 
10 तब दाऊद अपके पुरखाओं के संग सो गया और दाऊदमुर में उसे मिट्टी दी गई।
 
11 दाऊद ने इस्राएल पर चालीस वर्ष राज्य किया, सात वर्ष तो उस ने हब्रोन में और तैंतीस वर्ष यरूशलेम में राज्य किया या।
 
12 तब सुलैमान अपके पिता दाऊद की गद्दी पर विराजमान हुआ और उसका राज्य बहुत दृढ़ हुआ।
 
13 और हग्गीत का पुत्र अदोनिय्याह, सुलैमान की माता बतशेबा के पास आया, और बतशेबा ने पूछा, क्या तू मित्रभाव से आता है?
 
14 उस ने उत्तर दिया, हां, मित्रभाव से ! फिर वह कहने लगा, मुझे तुझ से एक बात कहनी है। उस ने कहा, कह !
 
15 उस ने कहा, तुझे तो मालूम है कि राज्य मेरा हो गया या, और समस्त इस्राएली मेरी ओर मुंह किए थे, कि मैं राज्य करूं; परन्तु अब राज्य पलटकर मेरे भाई का हो गया है, क्योंकि वह यहोवा की ओर से उसको मिला है।
 
16 इसलिथे अब मैं तुझ से एक बात मांगता हूँ, मुझ से नाही न करना उस ने कहा, कहे जा।
 
17 उस ने कहा, राजा सुलैमान तुझ से नाही न करेगा; इसलिथे उस से कह, कि वह मुझे शूनेमिन अबीशग को ब्याह दे।
 
18 बतशेबा ने कहा, अच्छा, मैं तेरे लिथे राजा से कहूंगी।
 
19 तब बतशेबा अदोनिय्याह के लिथे राजा सुलैमान से बातचीत करने को उसके पास गई, और राजा उसकी भेंट के लिथे उठा, और उसे दणडवत्‌ करके अपके सिंहासन पर बैठ गया: फिर राजा ने अपक्की माता के लिथे एक सिंहासन रख दिया, और वह उसकी दाहिनी ओर बैठ गई।
 
20 तब वह कहने लगी, मैं तुझ से एक छोटा सा वरदान मांगती हूँ इसलिथे पुफ से नाही न करना, राजा ने कहा, हे माता मांग; मैं तुझ से नाही न करूंगा।
 
21 उस ने कहा, वह शूनेमिन अबीशग तेरे भाई अदोनिय्याह को ब्याह दी जाए।
 
22 राजा सुलैमान ने अपक्की माता को उत्तर दिया, तू अदोनिय्याह के लिथे शूनेमिन अबीशग ही को क्यो मांगती है? उसके लिथे राज्य भी मांग, क्योंकि वह तो मेरा बड़ा भाई है, और उसी के लिथे क्या ! एब्यातार याजक और सरूयाह के पुत्र योआब के लिथे भी मांग।
 
23 और राजा सुलैमान ने यहोवा की शपय खाकर कहा, यदि अदोनिय्याह ने यह बात अपके प्राण पर खेलकर न कही हो तो परमेश्वर मुझ से वैसा ही क्या वरन उस से भी अधिक करे।
 
24 अब यहोवा जिस ने पुफे स्यिर किया, और मेरे पिता दाऊद की राजगद्दी पर विराजमान किया है और अपके वचन के अनुसार मेरे घर बसाया है, उसके जीपन की शपय आज ही अदोनिय्याह मार डाला जाएगा।
 
25 और राजा सुलैमान ने यहोयादा के पुत्र बनायाह को भेज दिया और उस ने जाकर, उसको ऐसा मारा कि वह मर गया।
 
26 और एब्यातार याजक से राजा ने कहा, अनातोत में अपक्की भूमि को जा; क्योंकि तू भी प्राणदणड के योग्य है। आज के दिन तो मैं तुझे न मार डालूंगा, क्योंकि तू मेरे पिता दाऊद के साम्हने प्रभु यहोवा का सन्दूक उठाया करता या; और उन सब दु:खोंमें जो मेरे पिता पर पके थे तू भी दु:खी या।
 
27 और सुलैमान ने एब्यातार को यहोवा के याजक होने के पद से उतार दिया, इसलिथे कि जो वचन यहोवा ने एली के वंश के विषय में शीलो में कहा या, वह पूरा हो जाए।
 
28 इसका समाचार योआब तक पहुंचा; योआब अबशालोम के पीछे तो नहीं हो लिया या, परन्तु अदोनिय्याह के पीछे हो लिया या। तब योआब यहोवा के तम्बू को भाग गया, और वेदी के सींगोंको पकड़ लिया।
 
29 जब राजा सुलैमान को यह समाचार मिला, कि योआब यहोवा के तम्बू को भाग गया है, और वह वेदी के पास है, तब सुलैमान ने यहोयादा के पुत्र बनायाह को यह कहकर भेज दिया, कि तू जाकर उसे मार डाल।
 
30 तब बनायाह ने यहोवा के तम्बू के पास जाकर उससे कहा, राजा की यह आज्ञा है, कि निकल आ। उस ने कहा, नहीं, मैं यहीं मर जाऊंगा। तब बनायाह ने लौटकर यह सन्देश राजा को दिया कि योआब ने मुझे यह उत्तर दिया।
 
31 राजा ने उस से कहा, उसके कहने के अनुसार उसको मार डाल, और उसे मिट्टी दे; ऐसा करके निदॉषोंका जो खून योआब ने किया है, उसका दोष तू मुझ पर से और मेरे पिता के घराने पर से दूर करेगा।
 
32 और यहोवा उसके सिर वह खून लौटा देगा क्योंकि उस ने मेरे पिता दाऊद के बिना जाने अपके से अधिक धमीं और भले दो पुरुषोंपर, अर्यात्‌ इस्राएल के प्रधान सेनापति नेर के पुत्र अब्नेर और यहूदा के प्रधान सेनापति थेतेर के पुत्र अमासा पर टूटकर उनको तलवार से मार डाला या।
 
33 योंयोआब के सिर पर और उसकी सन्तान के सिर पर खून सदा तक रहेगा, परन्तु दाऊद और उसके वंश और उसके घराने और उसके राज्य पर यहोवा की ओर से शांति सदैव तक रहेगी।
 
34 तब यहोयादा के पुत्र बनायाह ने जाकर योआब को मार डाला; और उसको जंगल में उसी के घर में मिट्टी दी गई।
 
35 तब राजा ने उसके स्यान पर यहोयादा के पुत्र बनायाह को प्रधान सेनापति ठहराया; और एब्यातार के स्यान पर सादोक याजक को ठहराया।
 
36 और राजा ने शिमी को बुलवा भेजा, और उस से कहा, तू यरूशलेम में अपना एक घर बनाकर वहीं रहना: और नगर से बाहर कहीं न जाना।
 
37 तू निश्चय जान रख कि जिस दिन तू निकलकर किद्रोन नाले के पार उतरे, उसी दिन तू नि:सन्देह मार डाला जाएगा, और तेरा लोहू तेरे ही सिर पर पकेगा।
 
38 शिमी ने राजा से कहा, बात अच्छी है; जैसा मेरे प्रभु राजा ने कहा है, वैसा ही तेरा दास करेगा। तब शिमी बहुत दिन यरूशलेम में रहा।
 
39 परन्तु तीन वर्ष के व्यतीत होने पर शिमी के दो दास, गत नगर के राजा माका के पुत्र आकीश के पास भाग गए, और शिमी को यह समाचार मिला, कि तेरे दास गत में हैं।
 
40 तब शिमी उठकर अपके गदहे पर काठी कसकर, अपके दास को ढूंढ़ने के लिथे गत को आकीश के पास गया, और अपके दासोंको गत से ले आया।
 
41 जब सुलैमान राजा को इसका समाचार मिला, कि शिमी यरूशलेम से गत को गया, और फिर लौट आया है,
 
42 तब उस ने शिमी को बुलवा भेजा, और उस से कहा, क्या मैं ने तुझे यहोवा की शपय न खिलाई यी? और तुझ से चिताकर न कहा या, कि यह निश्चय जान रख कि जिस दिन तू निकलकर कहीं चला जाए, उसी दिन तू नि:सन्देह मार डाला जाएगा? और क्या तू ने मुझ से न कहा या, कि जो बात मैं ने सुनी, वह अच्छी है?
 
43 फिर तू ने यहोवा की शपय और मेरी दृढ़ आज्ञा क्योंनहीं मानी?
 
44 और राजा ने शिमी से कहा, कि तू आप ही अपके मन में उस सब दुष्टता को जानता है, जो तू ने मेरे पिता दाऊद से की यी? इसलिथे यहोवा तेरे सिर पर तेरी दुष्टता लौटा देगा।
 
45 परन्तु राजा सुलैमान धन्य रहेगा, और दाऊद का राज्य यहोवा के साम्हने सदैव दृढ़ रहेगा।
 
46 तब राजा ने यहोयादा के पुत्र बनायाह को आज्ञा दी, और उस ने बाहर जाकर, उसको ऐसा मारा कि वह भी मर गया। और सुलैमान के हाथ मे राज्य दृढ़ हो गया।
 
 

  [ Prev ] 1 | | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | [ Next ]