Bible-Server.org  
 
 
Praise the Lord, all ye nations      
Psalms 117:1       
 
enter keywords   match
 AND find keywords in

Home Page
Genesis
उत्पत्ति
Exodus
निर्गमन
Leviticus
लैव्यवस्था
Numbers
गिनती
Deuteronomy
व्यवस्थाविवरण
Joshua
यहोशू
Judges
न्यायियों
Ruth
रूत
1 Samuel
1 शमूएल
2 Samuel
2 शमूएल
1 Kings
1 राजा
2 Kings
2 राजा 
1 Chronicles
1 इतिहास
2 Chronicles
2 इतिहास
Ezra
एज्रा
Nehemiah
नहेमायाह
Esther
एस्तेर
Job
अय्यूब
Psalms
भजन संहिता
Proverbs
नीतिवचन
Ecclesiastes
सभोपदेशक
Song of Solomon
श्रेष्ठगीत
Isaiah
श्रेष्ठगीत
Jeremiah
यिर्मयाह
Lamentations
विलापगीत
Ezekiel
यहेजकेल
Daniel
दानिय्येल
Hosea
होशे
Joel
योएल
Amos
आमोस
Obadiah
ओबद्दाह
Jonah
योना
Micah
मीका
Nahum
नहूम
Habakkuk
हबक्कूक
Zephaniah
सपन्याह
Haggai
हाग्गै
Zechariah
जकर्याह
Malachi
मलाकी
Matthew
मत्ती
Mark
मरकुस
Luke
लूका
John
यूहन्ना
Acts
प्रेरितों के काम
Romans
रोमियो
1 Corinthians
1 कुरिन्थियों
2 Corinthians
2 कुरिन्थियों
Galatians
गलातियों
Ephesians
इफिसियों
Philippians
फिलिप्पियों
Colossians
कुलुस्सियों
1 Thessalonians
1 थिस्सलुनीकियों
2 Thessalonians
2 थिस्सलुनीकियों
1 Timothy
1 तीमुथियुस
2 Timothy
2 तीमुथियुस
Titus
तीतुस
Philemon
फिलेमोन
Hebrews
इब्रानियों
James
याकूब
1 Peter
1 पतरस
2 Peter
2 पतरस
1 John
1 यूहन्ना
2 John
2 यूहन्ना
3 John
3 यूहन्ना
Jude
यहूदा
Revelation
प्रकाशित वाक्य
 
 

 
 
translate into
1 राजा Chapter3
 
1 फिर राजा सुलैमान मिस्र के राजा फ़िरौन की बेटी को ब्याह कर उसका दामाद बन गया, और उसको दाऊदपुर में लाकर जब नक अपना भवन और यहोवा का भवन और यरूशलेम के चारोंओर की शहरपनाह न बनवा चुका, तब तक उसको वहीं रखा।
 
2 क्योंकि प्रजा के लोग तो ऊंचे स्यानोंपर बलि चढ़ाते थे और उन दिनोंतक यहोवा के नाम का कोई भपन नहीं बना या।
 
3 सुलैमान यहोवा से प्रेम रखता या और अपके पिता दाऊद की विधियोंपर चलता तो रहा, परन्तु वह ऊंचे स्यानोंपर भी बलि चढ़ाया और धूप जलाया करता या।
 
4 और राजा गिबोन को बलि चढ़ाने गया, क्योंकि मुख्य ऊंचा स्यान वही या, तब वहां की वेदी पर सुलैमान ने एक हज़ार होमबलि चढ़ाए।
 
5 गिबोन में यहोवा ने रात को स्वप्न के द्वारा सुलैमान को दर्शन देकर कहा, जो कुछ तू चाहे कि मैं तुझे दूं, वह मांग।
 
6 सुलैमान ने कहा, तू अपके दास मेरे पिता दाऊद पर बड़ी करुणा करता रहा, क्योंकि वह अपके को तेरे सम्मुख जानकर तेरे साय सच्चाई और धर्म और मनकी सीधाई से चलता रहा; और तू ने यहां तक उस पर करुणा की यी कि उसे उसकी गद्दी पर बिराजनेवाला एक पुत्र दिया है, जैसा कि आज वर्तमान है।
 
7 और अब हे मेरे परमेश्वर यहोवा ! तूने अपके दास को मेरे पिता दाऊद के स्यान पर राजा किया है, परन्तु मैं छोटा लड़का सा हूँ जो भीतर बाहर आना जाना नहीं जानता।
 
8 फिर तेरा दास तेरी चुनी हुई प्रजा के बहुत से लोगोंके मध्य में है, जिनकी गिनती बहुतायत के मारे नहीं हो सकती।
 
9 तू अपके दास को अपक्की प्रजा का न्याय करने के लिथे समझने की ऐसी शक्ति दे, कि मैं भले बुरे को परख सकूं; क्योंकि कौन ऐसा है कि तेरी इतनी बड़ी प्रजा का न्याय कर सके?
 
10 इस बात से प्रभु प्रसन्न हुआ, कि सुलैमान ने ऐसा वरदान मांगा है।
 
11 तब परमेश्वर ने उस से कहा, इसलिथे कि तू ने यह वरदान मांगा है, और न तो दीर्धयु और न धन और न अपके शत्रुओं का नाश मांगा है, परन्तु सपफने के विवेक का वरदान मांगा है इसलिथे सुन,
 
12 मैं तेरे वचन के अनुसार करता हूँ, तुझे बुद्धि और विवेक से भरा मन देता हूँ, यहा तक कि तेरे समान न तो तुझ से पहिले कोई कभी हुआ, और न बाद में कोई कभी होगा।
 
13 फिर जो तू ने नहीं मांगा, अर्यात्‌ धन और महिमा, वह भी मैं तुझे यहां तक देता हूँ, कि तेरे जीवन भर कोई राजा तेरे तुल्य न होगा।
 
14 फिर यदि तू अपके पिता दाऊद की नाई मेरे मागॉं में चलता हुआ, मेरी विधियोंऔर आज्ञाओं को मानता रहेगा तो मैं तेरी आयु को बढ़ाऊंगा।
 
15 तब सुलैमान जाग उठा; और देखा कि यह स्वप्न या; फिर वह यरूशलेम को गया, और यहोवा की वाचा के सन्दूक के साम्हने खड़ा होकर, होमबलि और मेलबलि चढ़ाए, और अपके सब कर्मचारियोंके लिथे जेवनार की।
 
16 उस समय दो वेश्याएं राजा के पास आकर उसके सम्मुख खड़ी हुई।
 
17 उन में से एक स्त्री कहने लगी, हे मेरे प्रभु ! मैं और यह स्त्री दोनोंएक ही घर में रहती हैं; और इसके संग घर में रहते हुए मेरे एक बच्चा हुआ।
 
18 फिर मेरे ज़च्चा के तीन दिन के बाद ऐसा हुआ कि यह स्त्री भी जच्चा हो गई; हम तो संग ही संग यीं, हम दोनोंको छोड़कर घर में और कोई भी न या।
 
19 और रात में इस स्त्री का बालक इसके नीचे दबकर मर गया।
 
20 तब इस ने आधी रात को उठकर, जब तेरी दासी सो ही रही यी, तब मेरा लड़का मेरे पास से लेकर अपक्की छाती में रखा, और अपना मरा हुआ बालक मेरी छाती में लिटा दिया।
 
21 भोर को जब मैं अपना बालक दूध पिलाने को उठी, तब उसे मरा हुआ पाया; परन्तु भोर को मैं ने ध्यान से यह देखा, कि वह मेरा पुत्र नही है।
 
22 तब दूसरी स्त्री ने कहा, नहीं जीवित पुत्र मेरा है, और मरा पुत्र तेरा है। परन्तु वह कहती रही, नहीं मरा हुआ तेरा पुत्र है और जीवित मेरा पुत्र है, योंवे राजा के साम्हने बातें करती रही।
 
23 राजा ने कहा, एक तो कहती है जो जीवित है, वही मेरा पुत्र है, और मरा हुआ तेरा पुत्र है; और दूसरी कहती है, नहीं, जो मरा है वही तेरा पुत्र है, और जो जीवित है, वह मेरा पुत्र है।
 
24 फिर राजा ने कहा, मेरे पास तलवार ले आओ; सो एक तलवार राजा के साम्हने लाई गई।
 
25 तब राजा बोला, जीविते बालक को दो टुकड़े करके आधा इसको और आधा उसको दो।
 
26 तब जीवित बालक की माता का मन अपके बेटे के स्नेह से भर आया, और उस ने राजा से कहा, हे मेरे प्रभु ! जीवित बालक उसी को दे; परन्तु उसको किसी भांति न मार। दूसरी स्त्री ने कहा, वह न तो मेरा हो और न तेरा, वह दो टुकड़े किया जाए।
 
27 तब राजा ने कहा, पहिली को जीवित बालक दो; किसी भांति उसको न पारो; क्योंकि उसकी माता वही है।
 
28 जो न्याय राजा ने चुकाया या, उसका समाचार समस्त इस्राएल को मिला, और उन्होंने राजा का भय माना, क्योंकि उन्होंने यह देखा, कि उसके मन में न्याय करने के लिथे परमेश्वर की बुद्धि है।
 
 

  [ Prev ] 1 | 2 | | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | [ Next ]