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श्रेष्ठगीत Chapter54 1 हे बांफ तू जो पुत्रहीन है जयजयकार कर; तू जिसे जन्माने की पीड़े नहीं हुई, गला खोलकर जयजयकार कर और पुकार! क्योंकि त्यागी हुई के लड़के सुहागिन के लड़कोंसे अधिक होंगे, यहोवा का यही वचन है। 2 अपके तम्बू का स्यान चौड़ा कर, और तेरे डेरे के पट लम्बे किए जाएं; हाथ मत रोक, रस्सिक्कों लम्बी और खूंटोंको दृढ़ कर। 3 क्योंकि तू दहिने-बाएं फैलेगी, और तेरा वंश जाति-जाति का अधिक्कारनेी होगा और उजड़े हुए नगरोंको फिर से बसाएगा।। 4 मत डर, क्योंकि तेरी आशा फिर नहीं टूटेगी; मत घबरा, क्योंकि तू फिर लज्जित न होगी और तुझ पर सियाही न छाएगी; क्योंकि तू अपक्की जवानी की लज्जा भूल जाएगी, और, अपके विधवापन की नामधराई को फिर स्मरण न करेगी। 5 क्योकि तेरा कर्त्ता तेरा पति है, उसका नाम सेनाओं का यहोवा है; और इस्राएल का पवित्र तेरा छुड़ानेवाला है, वह सारी पृय्वी का भी परमेश्वर कहलाएगा। 6 क्योंकि यहोवा ने तुझे ऐसा बुलाया है, मानो तू छोड़ी हुई और मन की दुखिया और जवानी की त्यागी हुई स्त्री हो, तेरे परमेश्वर का यही वचन है। 7 झण भर ही के लिथे मैं ने तुझे छोड़ दिया या, परन्तु अब बड़ी दया करके मैं फिर तुझे रख लूंगा। 8 क्रोध के फकोरे में आकर मैं ने पल भर के लिथे तुझ से मुंह छिपाया या, परन्तु अब अनन्त करूणा से मैं तुझ पर दया करूंगा, तेरे छुड़ानेवाले यहोवा का यही वचन है। 9 यह मेरी दृष्टि में नूह के समय के जलप्रलय के समान है; क्योंकि जैसे मैं ने शपय खाई यी कि नूह के समय के जलप्रलय से पृय्वी फिर न डूबेगी, वैसे ही मैं ने यह भी शपय खाई है कि फिर कभी तुझ पर क्रोध न करूंगा और न तुझ को धमकी दूंगा। 10 चाहे पहाड़ हट जाएं और पहाडिय़ां टल जाएं, तौभी मेरी करूणा तुझ पर से कभी न हटेगी, और मेरी शान्तिदायक वाचा न टलेगी, यहोवा, जो तुझ पर दया करता है, उसका यही वचन है।। 11 हे दु:खियारी, तू जो आंधी की सताई है और जिस को शान्ति नहीं मिली, सुन, मैं तेरे पत्यरोंकी पच्चीकारी करके बैठाऊंगा, और तेरी नेव नीलमणि से डालूंगा। 12 तेरे कलश मैं माणिकों, तेरे फाटक लालडिय़ोंसे और तेरे सब सिवानोंको मनोहर रत्नोंसे बनाऊंगा। 13 तू धामिर्कता के द्वारा स्यिर होगी; तू अन्धेर से बचेगी, क्योंकि तुझे डरना न पकेगा; और तू भयभीत होने से बचेगी, क्योंकि भय का कारण तेरे पास न आएगा। 14 तू धामिर्कता के द्वारा स्यिर होगी; तू अन्धेर से बचेगी, क्योंकि तुझे डरना न पकेगा; और तू भयभीत होने से बचेगी, क्योंकि भय का कारण तेरे पास न आएगा। 15 सुन, लोग भीड़ लगाएंगे, परन्तु मेरी ओर से नहीं; जितने तेरे विरूद्ध भीड़ लगाएंगे वे तेरे कारण गिरेंगे। 16 सुन, एक लोहर कोएले की आग धोंककर इसके लिथे हयियार बनाता है, वह मेरा ही सृजा हुआ है। उजाड़ने के लिथे भी मेरी ओर से एक नाश करनेवाला सृजा गया है। 17 जितने हयियार तेरी हानि के लिथे बनाए जाएं, उन में से कोई सफल न होगा, और, जितने लोग मुद्दई होकर तुझ पर नालिश करें उन सभोंसे तू जीत जाएगा। यहोवा के दासोंका यही भाग होगा, और वे मेरे ही कारण धर्मी ठहरेंगे, यहोवा की यही वाणी है।।
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