Bible-Server.org  
 
 
Praise the Lord, all ye nations      
Psalms 117:1       
 
enter keywords   match
 AND find keywords in

Home Page
Genesis
उत्पत्ति
Exodus
निर्गमन
Leviticus
लैव्यवस्था
Numbers
गिनती
Deuteronomy
व्यवस्थाविवरण
Joshua
यहोशू
Judges
न्यायियों
Ruth
रूत
1 Samuel
1 शमूएल
2 Samuel
2 शमूएल
1 Kings
1 राजा
2 Kings
2 राजा 
1 Chronicles
1 इतिहास
2 Chronicles
2 इतिहास
Ezra
एज्रा
Nehemiah
नहेमायाह
Esther
एस्तेर
Job
अय्यूब
Psalms
भजन संहिता
Proverbs
नीतिवचन
Ecclesiastes
सभोपदेशक
Song of Solomon
श्रेष्ठगीत
Isaiah
श्रेष्ठगीत
Jeremiah
यिर्मयाह
Lamentations
विलापगीत
Ezekiel
यहेजकेल
Daniel
दानिय्येल
Hosea
होशे
Joel
योएल
Amos
आमोस
Obadiah
ओबद्दाह
Jonah
योना
Micah
मीका
Nahum
नहूम
Habakkuk
हबक्कूक
Zephaniah
सपन्याह
Haggai
हाग्गै
Zechariah
जकर्याह
Malachi
मलाकी
Matthew
मत्ती
Mark
मरकुस
Luke
लूका
John
यूहन्ना
Acts
प्रेरितों के काम
Romans
रोमियो
1 Corinthians
1 कुरिन्थियों
2 Corinthians
2 कुरिन्थियों
Galatians
गलातियों
Ephesians
इफिसियों
Philippians
फिलिप्पियों
Colossians
कुलुस्सियों
1 Thessalonians
1 थिस्सलुनीकियों
2 Thessalonians
2 थिस्सलुनीकियों
1 Timothy
1 तीमुथियुस
2 Timothy
2 तीमुथियुस
Titus
तीतुस
Philemon
फिलेमोन
Hebrews
इब्रानियों
James
याकूब
1 Peter
1 पतरस
2 Peter
2 पतरस
1 John
1 यूहन्ना
2 John
2 यूहन्ना
3 John
3 यूहन्ना
Jude
यहूदा
Revelation
प्रकाशित वाक्य
 
 

 
 
translate into
श्रेष्ठगीत Chapter1
 
1 आमोस के पुत्र यशायाह का दर्शन, जिसको उस ने यहूदा और यरूशलेम के विषय में उज्जियाह, योताम, आहाज, और हिजकिय्याह नाम यहूदा के राजाओं के दिनोंमें पाया।
 
2 हे स्वर्ग सुन, और हे पृय्वी कान लगा; क्योंकि यहोवा कहता है: मैं ने बालबच्चोंका पालन पोषण किया, और उनको बढ़ाया भी, परन्तु उन्होंने मुझ से बलवा किया।
 
3 बैल तो अपके मालिक को और गदहा अपके स्वामी की चरनी को पहिचानता है, परन्तु इस्राएल मुझें नहीं जानता, मेरी प्रजा विचार नहीं करती।।
 
4 हाथ, यह जाति पाप से कैसी भरी है! यह समाज अधर्म से कैसा लदा हुआ है! इस वंश के लोग कैसे कुकर्मी हैं, थे लड़केबाले कैसे बिगड़े हुए हैं! उन्होंने यहोवा को छोड़ दिया, उन्होंने इस्राएल के पवित्र को तुच्छ जाना है! वे पराए बनकर दूर हो गए हैं।।
 
5 तुम बलवा कर करके क्योंअधिक मार खाना चाहते हो? तुम्हारा सिर घावोंसे भर गया, और तुम्हारा ह्रृदय दु:ख से भरा है।
 
6 नख से सिर तक कहीं भी कुछ आरोग्यता नहीं, केवल चोट और कोड़े की मार के चिन्ह और सड़े हुए घाव हैं जो न दबाथे गए, न बान्धे गए, न तेल लगाकर नरमाथे गए हैं।।
 
7 तुम्हारा देश उजड़ा पड़ा है, तुम्हारे नगर भस्म हो गए हैं; तुम्हारे खेतोंको परदेशी लोग तुम्हारे देखते ही निगल रहे हैं; वह परदेश्यथें से नाश किए हुए देश के समान उजाड़ है।
 
8 और सिय्योन की बेटी दाख की बारी में की फोपक्की की नाईं छोड़ दी गई है, वा ककड़ी के खेत में की छपरिया या घिरे हुए नगर के समान अकेली खड़ी है।
 
9 यदि सेनाओं का यहोवा हमारे योड़े से लोगोंको न बचा रखता, तो हम सदोम के समान हो जाते, और अमोरा के समान ठहरते।।
 
10 हे सदोम के न्याइयों, यहोवा का वचन सुनो! हे अमोरा की प्रजा, हमारे परमेश्वर की शिझा पर कान लगा।
 
11 यहोवा यह कहता है, तुम्हारे बहुत से मेलबलि मेरे किस काम के हैं? मैं तो मेढ़ोंके होमबलियोंसे और पाले हुए पशुओं की चर्बी से अघा गया हूं;
 
12 मैं बछड़ोंवा भेड़ के बच्चोंवा बकरोंके लोहू से प्रसन्न नहीं होता।। तुम जब अपके मुंह मुझे दिखाने के लिथे आते हो, तब यह कौन चाहता है कि तुम मेरे आंगनोंको पांव से रौंदो?
 
13 व्यर्य अन्नबलि फिर मत लाओ; धूप से मुझे घृणा है। नथे चांद और विश्रमदिन का मानना, और सभाओं का प्रचार करना, यह मुझे बुरा लगता है। महासभा के साय ही साय अनर्य काम करना मुझ से सहा नहीं जाता।
 
14 तुम्हारे नथे चांदोंऔर नियत पर्वोंके मानने से मैं जी से बैर रखता हूं; वे सब मुझे बोफ से जान पड़ते हैं, मैं उनको सहते सहते उकता गया हूं।
 
15 जब तुम मेरी ओर हाथ फैलाओ, तब मैं तुम से मुंह फेर लूंगा; तुम कितनी ही प्रार्यना क्योंन करो, तौभी मैं तुम्हारी न सुनूंगा; क्योंकि तुम्हारे हाथ खून से भरे हैं।
 
16 अपके को धोकर पवित्र करो: मेरी आंखोंके साम्हने से अपके बुरे कामोंको दूर करो; भविष्य में बुराई करता छोड़ दो,
 
17 भलाई करना सीखो; यत्न से न्याय करो, उपद्रवी को सुधारो; अनाय का न्याय चुकाओ, विधवा का मुकद्दमा लड़ो।।
 
18 यहोवा कहता है, आओ, हम आपस में वादविवाद करें: तुम्हारे पाप चाहे लाल रंग के हों, तौभी वे हिम की नाईं उजले हो जाएंगे; और चाहे अर्गवानी रंग के हों, तौभी वे ऊन के समान श्वेत हो जाएंगे।
 
19 यदि तुम आज्ञाकारी होकर मेरी मानो,
 
20 तो इस देश के उत्तम से उत्तम पदायै खाओगे; और यदि तुम ने मानो और बलवा करो, तो तलवार से मारे जाओगे; यहोवा का यही वचन है।।
 
21 जो नगरी सती यी सो क्योंकर व्यभिचारिन हो गई! वह न्याय से भरी यी और उस में धर्म पाया जाता या, परन्तु अब उस में हत्यारे ही पाए जाते हैं। तेरी चान्दी घातु का मैल हो गई,
 
22 तेरे दाखमधु में पानी मिल गया है।
 
23 तेरे हाकिम हठीले और चोरोंसे मिले हैं। वे सब के सब घूस खानेवाले और भेंट के लालची हैं। वे अनाय का न्याय नहीं करते, और न विधवा का मुकद्दमा अपके पास आने देते हैं।
 
24 इस कारण प्रभु सेनाओं के यहोवा, इस्राएल के शक्तिमान की यह वाणी है: सुनो, मैं अपके शत्रुओं को दूर करके शान्ति पाऊंगा, और अपके बैरियोंसे पलटा लूंगा।
 
25 और मैं तुम पर हाथ बढ़ाकर तुम्हारा धातु का मैल पूरी रीति से दूर करूंगा।
 
26 और मैं तुम में पहिले की नाईं न्यायी और आदि काल के समान मंत्री फिर नियुक्त करूंगा। उसके बाद तू धम्रपुरी और सती नगरी कहलाएगी।।
 
27 सिय्योन न्याय के द्वारा, और जो उस में फिरेंगे वे धर्म के द्वारा छुड़ा लिए जाएंगे।
 
28 परन्तु बलवाइयोंऔर पापियोंका एक संग नाश होगा, और जिन्होंने यहोवा को न्यागा है, उनका अन्त हो जाएगा।
 
29 क्योंकि जिन बांजवृझोंसे तुम प्रीति रखते थे, उन से वे लज्जित होंगे, और जिन बारियोंसे तुम प्रसन्न रहते थे, उसके कारण तुम्हारे मुंह काले होंगे।
 
30 क्योंकि तुम पत्ते मुर्फाए हुए बांजवृझ के, और बिना जल की बारी के समान हो जाओगे।
 
31 और बलवान तो सन और उसका काम चिंगारी बनेगा, और दोनोंएक साय जलेंगे, और कोई बुफानेवाला न होगा।।
 
 

  | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 | 41 | 42 | 43 | 44 | 45 | 46 | 47 | 48 | 49 | 50 | 51 | 52 | 53 | 54 | 55 | 56 | 57 | 58 | 59 | 60 | 61 | 62 | 63 | 64 | 65 | 66 | [ Next ]