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भजन संहिता Chapter21 1 हे यहोवा तेरी सामर्थ्य से राजा आनन्दित होगा; और तेरे किए हुए उद्धार से वह अति मगन होगा। 2 तू ने उसके मनोरथ को पूरा किया है, और उसके मुंह की बिनती को तू ने अस्वीकार नहीं किया। 3 क्योंकि तू उत्तम आशीषें देता हुआ उस से मिलता है और तू उसके सिर पर कुन्दन का मुकुट पहिनाता है। 4 उस ने तुझ से जीवन मांगा, ओर तू ने जीवनदान दिया; तू ने उसको युगानुयुग का जीवन दिया है। 5 तेरे उद्धार के कारण उसकी महिमा अधिक है; तू उसको विभव और ऐश्वर्य से आभूषित कर देता है। 6 क्योंकि तू ने उसको सर्वदा के लिथे आशीषित किया है; तू अपके सम्मुख उसको हर्ष और आनन्द से भर देता है। 7 क्योंकि राजा का भरोसा यहोवा के ऊपर है; और परमप्रधान की करूणा से वह कभी नहीं टलने का।। 8 तेरा हाथ तेरे सब शत्रुओं को ढूंढ़ निकालेगा, तेरा दहिना हाथ तेरे सब बैरियोंका पता लगा लेगा। 9 तू अपके मुख के सम्मुख उन्हें जलते हुए भट्टे की नाई जलाएगा। यहोवा अपके क्रोध में उन्हें निगल जाएगा, और आग उनको भस्म कर डालेगी। 10 तू उनके फलोंको पृथ्वी पर से, और उनके वंश को मनुष्योंमें से नष्ट करेगा। 11 क्योंकि उन्होंने तेरी हाति ठानी है, उन्होंने ऐसी युक्ति निकाली है जिसे वे पूरी न कर सकेंगे। 12 क्योंकि तू अपना धुनष उनके विरूद्ध चढ़ाएगा, और वे पीठ दिखाकर भागेंगे।। 13 हे यहोवा, अपक्की सामर्थ्य में महान हो! और हम गा गाकर तेरे पराक्रम का भजन सुनाएंगे।।
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