Bible-Server.org  
 
 
Praise the Lord, all ye nations      
Psalms 117:1       
 
enter keywords   match
 AND find keywords in

Home Page
Genesis
उत्पत्ति
Exodus
निर्गमन
Leviticus
लैव्यवस्था
Numbers
गिनती
Deuteronomy
व्यवस्थाविवरण
Joshua
यहोशू
Judges
न्यायियों
Ruth
रूत
1 Samuel
1 शमूएल
2 Samuel
2 शमूएल
1 Kings
1 राजा
2 Kings
2 राजा 
1 Chronicles
1 इतिहास
2 Chronicles
2 इतिहास
Ezra
एज्रा
Nehemiah
नहेमायाह
Esther
एस्तेर
Job
अय्यूब
Psalms
भजन संहिता
Proverbs
नीतिवचन
Ecclesiastes
सभोपदेशक
Song of Solomon
श्रेष्ठगीत
Isaiah
श्रेष्ठगीत
Jeremiah
यिर्मयाह
Lamentations
विलापगीत
Ezekiel
यहेजकेल
Daniel
दानिय्येल
Hosea
होशे
Joel
योएल
Amos
आमोस
Obadiah
ओबद्दाह
Jonah
योना
Micah
मीका
Nahum
नहूम
Habakkuk
हबक्कूक
Zephaniah
सपन्याह
Haggai
हाग्गै
Zechariah
जकर्याह
Malachi
मलाकी
Matthew
मत्ती
Mark
मरकुस
Luke
लूका
John
यूहन्ना
Acts
प्रेरितों के काम
Romans
रोमियो
1 Corinthians
1 कुरिन्थियों
2 Corinthians
2 कुरिन्थियों
Galatians
गलातियों
Ephesians
इफिसियों
Philippians
फिलिप्पियों
Colossians
कुलुस्सियों
1 Thessalonians
1 थिस्सलुनीकियों
2 Thessalonians
2 थिस्सलुनीकियों
1 Timothy
1 तीमुथियुस
2 Timothy
2 तीमुथियुस
Titus
तीतुस
Philemon
फिलेमोन
Hebrews
इब्रानियों
James
याकूब
1 Peter
1 पतरस
2 Peter
2 पतरस
1 John
1 यूहन्ना
2 John
2 यूहन्ना
3 John
3 यूहन्ना
Jude
यहूदा
Revelation
प्रकाशित वाक्य
 
 

 
 
translate into
यहोशू Chapter15
 
1 यहूदियोंके गोत्र का भाग उनके कुलोंके अनुसार चिट्ठी डालने से एदोम के सिवाने तक, और दक्खिन की ओर सीन के जंगल तक जो दक्खिनी सिवाने पर है ठहरा।
 
2 उनके भाग का दक्खिनी सिवाना खारे ताल के उस सिक्केवाले कोल से आरम्भ हुआ जो दक्खिन की ओर बढ़ा है;
 
3 और वह अक्रब्बीम नाम चढ़ाई की दक्खिनी ओर से निकलकर सीन होते हुए कादेशबर्ने के दक्खिन की ओर को चढ़ गया, फिर हेस्रोन के पास हो अद्दार को चढ़कर कर्काआ की ओर मुड़ गया,
 
4 वहां से अम्मोन होते हुए वह मिस्र के नाले पर निकला, और उस सिवाने का अन्त समुद्र हुआ। तुम्हारा दक्खिनी सिवाना यही होगा।
 
5 फिर पूर्वी सिवाना यरदन के मुहाने तक खारा ताल ही ठहरा, और उत्तर दिशा का सिवाना यरदन के मुहाने के पास के ताल के कोल से आरम्भ करके,
 
6 बेयोग्ला को चढ़ते हुए बेतराबा की उत्तर की ओर होकर रूबेनी बोहनवाले नाम पत्यर तक चढ़ गया;
 
7 और वही सिवाना आकोर नाम तराई से दबीर की ओर चढ़ गया, और उत्तर होते हुए गिलगाल की ओर फुका जो नाले की दक्खिन ओर की अदुम्मीम की चढ़ाई के साम्हने है; वहां से वह एनशेमेश नाम सोते के पास पहुंचकर एनरोगेल पर निकला;
 
8 फिर वही सिवाना हिन्नोम के पुत्र की तराई से होकर यबूस (जो यरूशलेम कहलाता है) उसकी दक्खिन अलंग से बढ़ते हुए उस पहाड़ की चोटी पर पहुंचा, जो पश्चिम की ओर हिन्नोम की तराई के साम्हने और रपाईम की तराई के उत्तरवाले सिक्के पर है;
 
9 फिर वही सिवाना उस पहाड़ की चोटी से नेप्तोह नाम सोते को चला गया, और एप्रोन पहाड़ के नगरोंपर निकला; फिर वहां से बाला को ( जो किर्यत्यारीम भी कहलाता है) पहुंचा;
 
10 फिर वह बाला से पश्चिम की ओर मुड़कर सेईर पहाड़ तक पहुंचा, और यारीम पहाड़ (जो कसालोन भी कहलाता है) उस की उत्तरवाली अलंग से होकर बेतशेमेश को उतर गया, और वहां से तिम्ना पर निकला;
 
11 वहां से वह सिवाना एक्रोन की उत्तरी अलंग के पास होते हुए शिक्करोन गया, और बाला पहाड़ होकर यब्नेल पर निकला; और उस सिवाने का अन्त समुद्र का तट हुआ।
 
12 और पश्चिम का सिवाना महासमुद्र का तीर ठहरा। यहूदियोंको जो भाग उनके कुलोंके अनुसार मिला उसकी चारोंओर का सिवाना यही हुआ।।
 
13 और यपुन्ने के पुत्र कालेब को उसने यहोवा की आज्ञा के अनुसार यहूदियोंके बीच भाग दिया, अर्यात्‌ किर्यतर्बा जो हेब्रोन भी कहलाता है (वह अर्बा अनाक का पिता या)।
 
14 और कालेब ने वहां से शेशै, अहीमन, और तल्मै नाम, अनाक के तीनोंपुत्रोंको निकाल दिया।
 
15 फिर वहां से वह दबीर के निवासियोंपर चढ़ गया; पूर्वकाल में तो दबीर का नाम किर्यत्सेपेर या।
 
16 और कालेब ने कहा, जो किर्यत्सेपेर को मारकर ले ले उसे मैं अपक्की बेटी अकसा को ब्याह दूंगा।
 
17 तब कालेब के भाई ओत्नीएल कनजी ने उसे ले लिया; और उस ने उसे अपक्की बेटी अकसा को ब्याह दिया।
 
18 और जब वह उसके पास आई, तब उस ने उसको पिता से कुछ भूमि मांगने को उभारा, फिर वह अपके गदहे पर से उतर पक्की, और कालेब ने उस से पूछा, तू क्या चाहती है?
 
19 वह बोली, मुझे आशीर्वाद दे; तू ने मुझे दक्खिन देश में की कुछ भूमि तो दी है, मुझे जल के सोते भी दे। तब उस ने ऊपर के सोते, नीचे के सोते, दोनोंउसे दिए।।
 
20 यहूदियोंके गोत्र का भाग तो उनके कुलोंके अनुसार यही ठहरा।।
 
21 और यहूदियोंके गोत्र के किनारे-वाले नगर दक्खिन देश में एदोम के सिवाने की ओर थे हैं, अर्यात्‌ कबसेल, एदेर, यागूर,
 
22 कीना, दीमोना, अदादा,
 
23 केदेश, हासोर, यित्नान,
 
24 जीप, तेलेम, बालोत,
 
25 हासोर्हदत्ता, करिय्योथेस्रोन, (जो हासोर भी कहलाता है),
 
26 और अमाम, शमा, मोलादा,
 
27 हसर्गद्दा, हेशमोन, बेत्पालेत,
 
28 हसर्शूआल, बेर्शेबा, बिज्योत्या,
 
29 बाला, इय्यीम, एसेम,
 
30 एलतोलद, कसील, होर्मा,
 
31 सिकलग, मदमन्ना, सनसन्ना,
 
32 लबाओत, शिल्हीम, ऐन, और रिम्मोन; थे सब नगर उन्तीस हैं, और इनके गांव भी हैं।।
 
33 और नीचे के देश में थे हैं; अर्यात्‌ एशताओल सोरा, अशना,
 
34 जानोह, एनगन्नीम, तप्पूह, एनाम,
 
35 यर्मूत, अदुल्लाम, सोको, अजेका,
 
36 शारैम, अदीतैम, गदेरा, और गदेरोतैम; थे सब चौदह नगर हैं, और इनके गांव भी हैं।।
 
37 फिर सनान, हदाशा, मिगदलगाद,
 
38 दिलान, मिस्पे, योक्तेल,
 
39 लाकीश, बोस्कत, एग्लोन,
 
40 कब्बोन, लहमास, कितलीश,
 
41 गदेरोत, बेतदागोन, नामा, और मक्केदा; थे सोलह नगर हैं, और इनके गांव भी हैं।।
 
42 फिर लिब्ना, ऐतेर, आशान,
 
43 यिप्ताह, अशना, नसीब,
 
44 कीला, अकजीब और मारेशा; थे नौ नगर हैं, और इनके गांव भी हैं।
 
45 फिर नगरोंऔर गांवोंसमेत एक्रोन,
 
46 और एक्रोन से लेकर समुद्र तक, अपके अपके गांवोंसमेत जितने नगर अशदोद की अलंग पर हैं।।
 
47 फिर अपके अपके नगरोंऔर गावोंसमेत अशदोद, और अज्जा, वरन मिस्र के नाले तक और महासमुद्र के तीर तक जितने नगर हैं।।
 
48 और पहाड़ी देश में थे हैं; अर्यात्‌ शामीर, यत्तीर, सोको,
 
49 दन्ना, किर्यत्सन्ना (जो दबीर भी कहलाता है),
 
50 अनाब, एशतमो, आनीम,
 
51 गोशेन, होलोन, और गीलो; थे ग्यारह नगर हैं, और इनके गांव भी हैं।।
 
52 फिर अराब, दूमा, एशान,
 
53 यानीम, बेत्तप्पूह, अपेका,
 
54 हुमता, किर्यतर्बा (जो हेब्रोन भी कहलाता है, और सीओर;) थे नौ नगर हैं, और इनके गांव भी हैं।।
 
55 फिर माओन, कर्मेल, जीप, यूता,
 
56 मिज्रेल, योकदाम, जानोह,
 
57 कैन, गिबा, और तिम्ना; थे दस नगर हैं, और इनके गांव भी हैं।।
 
58 फिर हलहूल, बेतसूर, गदोर,
 
59 मरात, बेतनोत, और एलतकोन; थे छ: नगर हैं, और इनके गांव भी हैं।।
 
60 फिर किर्यतबाल (जो किर्यत्बारीम भी कहलाता है), और रब्बा; थे दो नगर हैं, और इनके गांव भी हैं।।
 
61 और जंगल में थे नगर हैं, अर्यात्‌ बेतराबा, मिद्दीन, सकाका;
 
62 निबशान, लोनवाला नगर, और एनगदी, थे छ: नगर हैं, और इनके गांव भी हैं।।
 
63 यरूशलेम के निवासी यबूसिक्कों यहूदी न निकाल सके; इसलिथे आज के दिन तक यबूसी यहूदियोंके संग यरूशलेम में रहते हैं।।
 
 

  [ Prev ] 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | [ Next ]