|
भजन संहिता Chapter120 1 संकट के समय मैं ने यहोवा को पुकारा, और उस ने मेरी सुन ली। 2 हे यहोवा, झूठ बोलनेवाले मुंह से और छली जीभ से मेरी रक्षा कर।। 3 हे छली जीभ, तुझ को क्या मिले? और तेरे साथ और क्या अधिक किया जाए? 4 वीर के नोकीले तीर और झाऊ के अंगारे! 5 हाथ, हाथ, क्योंकि मुझे मेशेक में परदेशी होकर रहना पड़ा और केदार के तम्बुओं में बसना पड़ा है! 6 बहुत काल से मुझ को मेल के बैरियोंके साथ बसना पड़ा है। 7 मैं तो मेल चाहता हूं; परन्तु मेरे बोलते ही, वे लड़ना चाहते हैं!
|
|