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नहेमायाह Chapter3 1 तब एल्याशीब महाथाजक ने अपके भाई याजकोंसमेत कमर बान्धकर भेड़फाटक को बनाया। उन्होंने उसकी प्रतिष्ठा की, और उसके पल्लोंको भी लगाया; और हम्मेआ नाम गुम्मट तक वरन हननेल के गुम्मट के पास तक उन्होंने शहरपनाह की प्रतिष्ठा की। 2 उस से आगे यरीहो के मनुष्योंने बनाया। और इन से आगे इम्री के पुत्र जक्कूर ने बनाया । 3 फिर मछलीफाटक को हस्सना के बेटोंने बनाया; उन्होंने उसकी कडिय़ां लगाई, और उसके पल्ले, ताले और बेंड़े लगाए। 4 और उन से आगे मरेमोत ने जो हक्कोस का पोता और ऊरियाह का पुत्र या, मरम्मत की। और इन से आगे मशुल्लाम ने जो मशेजबेल का पोता, और बरेक्याह का पुत्र या, मरम्मत की। और इस से आगे बाना के पुत्र सादोक ने मरम्मत की। 5 और इन से आगे तकोइयोंने मरम्मत की; परन्तु उनके रईसोंने अपके प्रभु की सेवा का जूआ अपक्की गर्दन पर न लिया। 6 फिर पुराने फाटक की मरम्मत पासेह के पुत्र योयादा और बसोदयाह के पुत्र मशुल्लाम ने की; उन्होंने उसकी कडिय़ां लगाई, और उसके पल्ले, ताले और बेंड़े लगाए। 7 और उन से आगे गिबोनी मलत्याह और मेरोनोती यादोन ने और गिबोन और मिस्पा के मनुष्योंने महानद के पार के अधिपति के सिंहासन की ओर से मरम्मत की। 8 उन से आगे हर्हयाह के पुत्र उजीएल ने और और सुनारोंने मरम्मत की। और इस से आगे हनन्याह ने, जो गन्धियोंके समाज का या, मरम्मत की; और उन्होंने चौड़ी शहरपनाह तक यरूशलेम को दृढ़ किया। 9 और उन से आगे हूर के पुत्र रपायाह ने, जो यरूशलेम के आधे जिले का हाकिम या, मरम्मत की। 10 और उन से आगे हरुमप के पुत्र यदायाह ने अपके ही घर के साम्हने मरम्मत की; और इस से आगे हशब्नयाह के पुत्र हत्तूश ने मरम्मत की। 11 हारीम के पुत्र मल्कियाह और पहत्तोआब के पुत्र हश्शूब ने एक और भाग की, और भट्टोंके गुम्मट की मरम्मत की। 12 इस से आगे यरूशलेम के आधे जिले के हाकिम हल्लोहेश के पुत्र शल्लूम ने अपक्की बेटियोंसमेत मरम्मत की। 13 तराई के फाटक की मरम्मत हानून और जानोह के निवासियोंने की; उन्होंने उसको बनाया, और उसके ताले, बेंड़े और पल्ले लगाए, और हजार हाथ की शहरपनाह को भी अर्यात् कूड़ाफाटक तक बनाया। 14 और कूड़ाफाटक की मरम्मत रेकाब के पुत्र मल्कियाह ने की, जो बेयक्केरेम के जिले का हाकिम या; उसी ने उसको बनाया, और उसके ताले, बेंड़े और पल्ले लगाए। 15 और सोताफाटक की मरम्मत कोल्होजे के पुत्र शल्लूम ने की, जो मिस्पा के जिले का हाकिम या; उसी ने उसको बनाया और पाटा, और उसके ताले, बेंड़े और पल्ले लगाए; और उसी ने राजा की बारी के पास के शेलह नाम कुणड की शहरपनाह को भी दाऊदपुर से उतरनेवाली सीढ़ी तक बनाया। 16 उसके बाद अज अजबूक के पुत्र नहेमायाह ने जो बेतसूर के आधे जिले का हाकिम या, दाऊद के कब्रिस्तान के साम्हने तक और बनाए हुए पोखरे तक, वरन वीरोंके घर तक भी मरम्मत की। 17 इसके बाद बानी के पुत्र रहूम ने कितने लेवियोंसमेत मरम्मत की। इस से आगे कीला के आधे जिले के हाकिम हशब्याह ने अपके जिले की ओर से मरम्मत की। 18 उसके बाद उनके भाइयोंसमेत कीला के आधे जिले के हाकिम हेनादाद के पुत्र बव्वै ने मरम्मत की। 19 उस से आगे एक और भाग की मरम्मत जो शहरपनाह के मोड़ के पास शस्त्रें के घर की चढ़ाई के साम्हने है, थेशु के पुत्र एज़ेर ने की, जो मिस्पा का हाकिम या। 20 फिर एक और भाग की अर्यात् उसी मोड़ से ले एल्याशीब महाथाजक के घर के द्वार तक की मरम्मत जब्बै के पुत्र बारूक ने तन मन से की। 21 इसके बाद एक और भाग की अर्यात् एल्याशीब के घर के द्वार से ले उसी घर के सिक्के तक की मरम्मत, मरेमोत ने की, जो हक्कोस का पोता और ऊरियाह का पुत्र या। 22 उसके बाद उन याजकोंने मरम्मत की जो तराई के मनुष्य थे। 23 उनके बाद बिन्यामीन और हश्शूब ने अपके घर के साम्हने मरम्मत की; और इनके पीछे अजर्याह ने जो मासेयाह का पुत्र और अनन्याह का पोता या अपके घर के पास मरम्मत की। 24 तब एक और भाग की, अर्यात् अजर्याह के घर से लेकर शहरपनाह के मोड़ तक वरन उसके कोने तक की मरम्मत हेनादाद के पुत्र बिन्नूई ने की। 25 फिर उसी मोड़ के साम्हने जो ऊंचा गुम्मट राजभवन से बाहर निकला हुआ बन्दीगृह के आंगन के पास है, उसके साम्हने ऊजै के पुत्र पालाल ने मरम्मत की। इसके बाद परोश के पुत्र पदायाह ने मरम्मत की। 26 नतीन लोग तो ओपेल में पूरब की ओर जलफाटक के साम्हने तक और बाहर निकले हुए गुम्मट तक रहते थे। 27 पदायाह के बाद तकोइयोंने एक और भाग की मरम्मत की, जो बाहर तिकले हुए बड़े गुम्मट के साम्हने और ओबेल की शहरपनाह तक है। 28 फिर घोड़ाफाटक के ऊपर याजकोंने अपके अपके घर के साम्हने मरम्मत की। 29 इनके बाद इम्मेर के पुत्र सादोक ने अपके घर के साम्हने मरम्मत की; और तब पूरवी फाटक के रखवाले शकन्याह के पुत्र समयाह ने मरम्मत की। 30 इसके बाद शेलेम्याह के पुत्र हनन्याह और सालाप के छठवें पुत्र हानून ने एक और भाग की मरम्मत की। तब बेरेक्याह के पुत्र मशुल्लाम ने अपक्की कोठरी के साम्हने मरम्मत की। 31 उसके बाद मल्कियाह ने जो सुनार या नतिनोंऔर व्यापारियोंके स्यान तक ठहराए हुए स्यान के फाटक के साम्हने और कोने के कोठे तक मरम्मत की। 32 और कोनेवाले कोठे से लेकर भेड़फाटक तक सुनारोंऔर व्यापारियोंने मरम्मत की।
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