Bible-Server.org  
 
 
Praise the Lord, all ye nations      
Psalms 117:1       
 
enter keywords   match
 AND find keywords in

Home Page
Genesis
उत्पत्ति
Exodus
निर्गमन
Leviticus
लैव्यवस्था
Numbers
गिनती
Deuteronomy
व्यवस्थाविवरण
Joshua
यहोशू
Judges
न्यायियों
Ruth
रूत
1 Samuel
1 शमूएल
2 Samuel
2 शमूएल
1 Kings
1 राजा
2 Kings
2 राजा 
1 Chronicles
1 इतिहास
2 Chronicles
2 इतिहास
Ezra
एज्रा
Nehemiah
नहेमायाह
Esther
एस्तेर
Job
अय्यूब
Psalms
भजन संहिता
Proverbs
नीतिवचन
Ecclesiastes
सभोपदेशक
Song of Solomon
श्रेष्ठगीत
Isaiah
श्रेष्ठगीत
Jeremiah
यिर्मयाह
Lamentations
विलापगीत
Ezekiel
यहेजकेल
Daniel
दानिय्येल
Hosea
होशे
Joel
योएल
Amos
आमोस
Obadiah
ओबद्दाह
Jonah
योना
Micah
मीका
Nahum
नहूम
Habakkuk
हबक्कूक
Zephaniah
सपन्याह
Haggai
हाग्गै
Zechariah
जकर्याह
Malachi
मलाकी
Matthew
मत्ती
Mark
मरकुस
Luke
लूका
John
यूहन्ना
Acts
प्रेरितों के काम
Romans
रोमियो
1 Corinthians
1 कुरिन्थियों
2 Corinthians
2 कुरिन्थियों
Galatians
गलातियों
Ephesians
इफिसियों
Philippians
फिलिप्पियों
Colossians
कुलुस्सियों
1 Thessalonians
1 थिस्सलुनीकियों
2 Thessalonians
2 थिस्सलुनीकियों
1 Timothy
1 तीमुथियुस
2 Timothy
2 तीमुथियुस
Titus
तीतुस
Philemon
फिलेमोन
Hebrews
इब्रानियों
James
याकूब
1 Peter
1 पतरस
2 Peter
2 पतरस
1 John
1 यूहन्ना
2 John
2 यूहन्ना
3 John
3 यूहन्ना
Jude
यहूदा
Revelation
प्रकाशित वाक्य
 
 

 
 
translate into
लैव्यवस्था Chapter6
 
1 फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
 
2 यदि कोई यहोवा का विश्वासघात करके पापी ठहरे, जैसा कि धरोहर, वा लेनदेन, वा लूट के विषय में अपके भाई से छल करे, वा उस पर अन्धेर करे,
 
3 वा पक्की हुई वस्तु को पाकर उसके विषय फूठ बोले और फूठी शपय भी खाए; ऐसी कोई भी बात क्योंन हो जिसे करके मनुष्य पापी ठहरते हैं,
 
4 तो जब वह ऐसा काम करके दोषी हो जाए, तब जो भी वस्तु उस ने लूट, वा अन्धेर करके, वा धरोहर, वा पक्की पाई हो;
 
5 चाहे कोई वस्तु क्योंन हो जिसके विषय में उस ने फूठी शपय खाई हो; तो वह उसको पूरा पूरा लौटा दे, और पांचवां भाग भी बढ़ाकर भर दे, जिस दिन यह मालूम हो कि वह दोषी है, उसी दिन वह उस वस्तु को उसके स्वामी को लौटा दे।
 
6 और वह यहोवा के सम्मुख अपना दोषबलि भी ले आए, अर्यात्‌ एक निर्दोष मेढ़ा दोषबलि के लिथे याजक के पास ले आए, वह उतने ही दाम का हो जितना याजक ठहराए।
 
7 इस प्रकार याजक उसके लिथे यहोवा के साम्हने प्रायश्चित्त करे, और जिस काम को करके वह दोषी हो गया है उसकी झमा उसे मिलेगी।।
 
8 फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
 
9 हारून और उसके पुत्रोंको आज्ञा देकर यह कह, कि होमबलि की व्यवस्या यह है; अर्यात्‌ होमबलि ईधन के ऊपर रात भर भोर तब वेदी पर पड़ा रहे, और वेदी की अग्नि वेदी पर जलती रहे।
 
10 और याजक अपके सनी के वस्त्र और अपके तन पर अपक्की सनी की जांघिया पहिनकर होमबलि की राख, जो आग के भस्म करने से वेदी पर रह जाए, उसे उठाकर वेदी के पास रखे।
 
11 तब वह अपके वस्त्र उतारकर दूसरे वस्त्र पहिनकर राख को छावनी से बाहर किसी शुद्ध स्यान पर ले जाए।
 
12 और वेदी पर अग्नि जलती रहे, और कभी बुफने न पाए; और याजक भोर भोर उस पर लकडिय़ां जलाकर होमबलि के टुकड़ोंको उसके ऊपर सजाकर धर दे, और उसके ऊपर मेलबलियोंकी चरबी को जलाया करे।
 
13 वेदी पर आग लगातार जलती रहे; वह कभी बुफने न पाए।।
 
14 अन्नबलि की व्यवस्या इस प्रकार है, कि हारून के पुत्र उसको वेदी के आगे यहोवा के समीप ले आएं।
 
15 और वह अन्नबलि के तेल मिले हुए मैदे में से मुट्ठी भर और उस पर का सब लोबान उठाकर अन्नबलि के स्मरणार्य के इस भाग को यहोवा के सम्मुख सुखदायक सुगन्ध के लिथे वेदी पर जलाए।
 
16 और उस में से जो शेष रह जाए उसे हारून और उसके पुत्र खा जाएं; वह बिना खमीर पवित्र स्यान में खाया जाए, अर्यात्‌ वे मिलापवाले तम्बू के आंगन में उसे खाएं।
 
17 वह खमीर के साय पकाया न जाए; क्योंकि मैं ने अपके हव्य में से उसको उनका निज भाग होने के लिथे उन्हें दिया है; इसलिथे जैसा पापबलि और दोषबलि परमपवित्र है वैसा ही वह भी है।
 
18 हारून के वंश के सब पुरूष उस में से खा सकते हैं तुम्हारी पीढ़ी-पीढ़ी में यहोवा के हवनोंमें से यह उनका भाग सदैव बना रहेगा; जो कोई उन हवनोंको छूए वह पवित्र ठहरेगा।।
 
19 फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
 
20 जिस दिन हारून का अभिषेक हो उस दिन वह अपके पुत्रोंके साय यहोवा को यह चढ़ावा चढ़ाए; अर्यात्‌ एपा का दसवां भाग मैदा नित्य अन्नबलि में चढ़ाए, उस में से आधा भोर को और आधा सन्ध्या के समय चढ़ाए।
 
21 वह तवे पर तेल के साय पकाया जाए; जब वह तेल से तर हो जाए तब उसे ले आना, इस अन्नबलि के पके हुए टुकड़े यहोवा के सुखदायक सुगन्ध के लिथे चढ़ाना।
 
22 और उसके पुत्रोंमें से जो भी उस याजकपद पर अभिषिक्त होगा, वह भी उसी प्रकार का चढ़ावा चढ़ाया करे; यह विधी सदा के लिथे है, कि यहोवा के सम्मुख वह सम्पूर्ण चढ़ावा जलाया जाथे।
 
23 याजक के सम्पूर्ण अन्नबलि भी सब जलाए जाएं; वह कभी न खाया जाए।।
 
24 फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
 
25 हारून और उसके पुत्रोंसे यह कह, कि पापबलि की व्यवस्या यह है; अर्यात्‌ जिस स्यान में होमबलिपशु वध किया जाता है उसी में पापबलिपशु भी यहोवा के सम्मुख बलि किया जाए; वह परमपवित्र है।
 
26 और जो याजक पापबलि चढ़ावे वह उसे खाए; वह पवित्र स्यान में, अर्यात्‌ मिलापवाले तम्बू के आँगन में खाया जाए।
 
27 जो कुछ उसके मांस से छू जाए, वह पवित्र ठहरेगा; और यदि उसके लोहू के छींटे किसी वस्त्र पर पड़ जाएं, तो उसे किसी पवित्रस्यान में धो देना।
 
28 और वह मिट्टी का पात्र जिस में वह पकाया गया हो तोड़ दिया जाए; यदि वह पीतल के पात्र में सिफाया गया हो, तो वह मांजा जाए, और जल से धो लिया जाए।
 
29 और याजकोंमें से सब पुरूष उसे खा सकते हैं;
 
30 पर जिस पापबलिपशु के लोहू में से कुछ भी खून मिलापवाले तम्बू के भीतर पवित्रस्यान में प्रायश्चित्त करने को पहुंचाया जाए तब तो उसका मांस कभी न खाया जाए; वह आग में जला दिया जाए।।
 
 

  [ Prev ] 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | [ Next ]