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प्रकाशित वाक्य
 
 

 
 
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श्रेष्ठगीत Chapter58
 
1 गला खोलकर पुकार, कुछ न रख छोड़, नरसिंगे का सा ऊंचा शब्द कर; मेरी प्रजा को उसका अपराध अर्यात्‌ याकूब के घराने को उसका पाप जता दे।
 
2 वे प्रति दिन मेरे पास आते और मेरी गति बूफने की इच्छा ऐसी रखते हैं मानो वे धर्मी लोगे हैं जिन्होंने अपके परमेश्वर के नियमोंको नहीं टाला; वे मुझ से धर्म के नियम पूछते और परमेश्वर के निकट आने से प्रसन्न होते हैं।
 
3 वे कहते हैं, क्या कारएा है कि हम ने तो उपवास रखा, परन्तु तू ने इसकी सुधि नहीं ली? हम ने दु:ख उठाया, परन्तु तू ने कुछ ध्यान नहीं दिया? सुनो, उपवास के दिन तुम अपक्की ही इच्छा पूरी करते हो और अपके सेवकोंसे कठिन कामोंको कराते हो।
 
4 सुनो, तुम्हारे उपवास का फल यह होता है कि तुम आपस में लड़ते और फगड़ते और दुष्टता से घूंसे मारते हो। जैसा उपवास तुम आजकर रखते हो, उस से तुम्हारी प्रार्यना ऊपर नहीं सुनाई देगी।
 
5 जिस उपवास से मैं प्रसन्न होता हूं अर्यात्‌ जिस में मनुष्य स्वयं को दीन करे, क्या तुम इस प्रकार करते हो? क्या सिर को फाऊ की नाईं फुकाना, अपके नीचे टाट बिछाना, और राख फैनाने ही को तुम उपवास और यहोवा को प्रसन्न करने का दिन कहते हो?
 
6 जिस उपवास से मैं प्रसन्न होता हूं, वह क्या यह नहीं, कि, अन्याय से बनाए हुए दासों, और अन्धेर सहनेवालोंका जुआ तोड़कर उनको छुड़ा लेना, और, सब जुओं को टूकड़े टूकड़े कर देना?
 
7 क्या वह यह नहीं है कि अपक्की रोटी भूखोंको बांट देना, अनाय और मारे मारे फिरते हुओं को अपके घर ले आना, किसी को नंगा देखकर वस्त्र पहिनाना, और अपके जातिभाइयोंसे अपके को न छिपाना?
 
8 तब तेरा प्रकाश पौ फटने की नाईं चमकेगा, और तू शीघ्र चंगा हो जाएगा; तेरा धर्म तेरे आगे आगे चलेगा, यहोवा का तेज तेरे पीछे रझा करते चलेगा।
 
9 तब तू पुकारेगा और यहोवा उत्तर देगा; तू दोहाई देगा और वह कहेगा, मैं यहां हूं। यदि तू अन्धेर करना और उंगली मटकाना, और, दुष्ट बातें बोलना छोड़ दे,
 
10 उदारता से भूखे की सहाथता करे और दीन दु:खियोंको सन्तुष्ट करे, तब अन्धिक्कारने में तेरा प्रकाश चमकेगा, और तेरा घोर अन्धकार दोपहर का सा उजियाला हो जाएगा।
 
11 और यहोवा तुझे लगातार लिए चलेगा, और काल के समय तुझे तृप्त और तेरी हड्डियोंको हरी भरी करेगा; और तू सींची हुई बारी और ऐसे सोते के समान होगा जिसका जल कभी नहीं सूखता।
 
12 और तेरे वंश के लोग बहुत काल के उजड़े हुए स्यानोंको फिर बसाएंगे; तू पीढ़ी पीढ़ी की पक्की हुई नेव पर घर उठाएगा; तेरा नाम टूटे हुए बाड़े का सुधारक और पयोंका ठीक करनेवाला पकेगा।।
 
13 यदि तू विश्रमदिन को अशुद्ध न करे अर्यात्‌ मेरे उस पवित्र दिन में अपक्की इच्छा पूरी करने का यत्न न करे, और विश्रमदिन को आनन्द का दिन और यहोवा का पवित्र किया हुआ दिन समझकर माने; यदि तू उसका सन्मान करके उस दिन अपके मार्ग पर न चले, अपक्की इच्छा पूरी न करे, और अपक्की ही बातें न बोले,
 
14 तो तू यहोवा के कारण सुखी होगा, और मैं तुझे देश के ऊंचे स्यानोंपर चलने दूंगा; मैं तेरे मूलपुरूष याकूब के भाग की उपज में से तुझे खिलाऊंगा, क्योंकि यहोवा ही के मुख से यह वचन निकला है।।
 
 

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