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प्रकाशित वाक्य
 
 

 
 
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श्रेष्ठगीत Chapter45
 
1 यहोवा अपके अभिषिक्त कुस्रू के विषय योंकहता है, मैं ने उस के दहिने हाथ को इसलिथे याम लिया है कि उसके साम्हने जातियोंको दबा दूं और राजाओं की कमर ढीली करूं, उसके साम्हने फाटकोंको ऐसा खोल दूं कि वे फाटक बन्द न किए जाएं।
 
2 मैं तेरे आगे आगे चलूंगा और ऊंची ऊंची भूमि को चौरस करूंगा, मैं पीतल के किवाड़ोंको तोड़ डालूंगा और लोहे के बेड़ोंको टुकड़े टुकड़े कर दूंगा।
 
3 मैं तुझ को अन्घकार में छिपा दूंगा, जिस से तू जाने कि मैं इस्राएल का परमेश्वर यहोवा हूं जो तुझे नाम लेकर बुलाता है।
 
4 अपके दास याकूब और अपके चुने हुए इस्राएल के निमित्त मैं ने नाम लेकर तुझे बुलाया है; यद्यिप तू मुझे नहीं जानता, तौभी मैं ने तुझे पदवी दी है।
 
5 मैं यहोवा हूं और दूसरा कोई नहीं, मुझे छोड़ कोई परमेश्वर नहीं; यद्यपि तू मुझे नहीं जानता, तौभी मैं तेरी कमर कसूंगा,
 
6 जिस से उदयाचल से लेकर अस्ताचल तक लोग जान लें कि मुझ बिना कोई है ही नहीं है।
 
7 मैं उजियाले का बनानेवाला और अन्धिक्कारने का सृजनहार हूं, मैं शान्ति का दाता और विपत्ति को रचता हूं, मैं यहोवा ही इन सभोंका कर्त्ता हूं।
 
8 हे आकाश, ऊपर से धर्म बरसा, आकाशमण्डल से धर्म की वर्षा हो; पृय्वी खुले कि उद्धार उत्पन्न हो; और धर्म भी उसके संग उगाए; मैं यहोवा ही ने उसे उत्पन्न किया है।।
 
9 हाथ उस पर जो अपके रचनेवाले से फगड़ता है! वह तो मिट्टी के ठीकरोंमें से एक ठीकरा ही है! क्या मिट्टी कुम्हार से कहेगी, तू यह क्या करता है? क्या कारीगर का बनाया हुआ कार्य उसके विषय कहेगा कि उसके हाथ नहीं है?
 
10 हाथ उस पर जो अपके पिता से कहे, तू क्या जन्माता है? और मां से कहे, तू किस की माता है?
 
11 यहोवा जो इस्राएल का पवित्र और उसका बनानेवाला है, वह योंकहता है, क्या तुम आनेवाली घटनाएं मुझ से पूछोगे? क्या मेरे पुत्रोंऔर मेरे कामोंके विषय मुझे आज्ञा दोगे?
 
12 मैं ही ने पृय्वी को बनाया और उसके ऊपर मनुष्योंको सृजा है; मैं ने अपके ही हाथोंसे आकाश को ताना और उसके सारे गणोंकोंआज्ञा दी है।
 
13 मैं ही ने उस पुरूष को धामिर्कता से उभारा है और मैं उसके सब मार्गोंको सीधा करूंगा; वह मेरे नगर को फिर बसाएगा और मेरे बंधुओं को बिना दाम या बदला लिए छुड़ा देगा, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।।
 
14 यहोवा योंकहता है, मिस्रियोंकी कमाई और कूशियोंके ब्योपार का लाभ और सबाई लोग जो डील-डौलवाले हैं, तेरे पास चले आएंगे, और तेरे ही हो जाएंगे, वे तेरे पीछे पीछे चलेंगे; वे सांकलोंमें बन्धे हुए चले आएंगे और तेरे साम्हने दण्डवत्‌ कर तुझ से बिनती करके कहेंगे, निश्चय परमेश्वर तेरे ही साय है और दूसरा कोई नहीं; उसके सिवाय कोई और परमेश्वर नहीं।।
 
15 हे इस्राएल के परमेश्वर, हे उद्धारकर्त्ता! निश्चय तू ऐसा ईश्वर है जो अपके को गुप्त रखता है।
 
16 मूत्तियोंके गढ़नेवाले सब के सब लज्जित और चकित होंगे, वे सब के सब व्याकुल होंगे।
 
17 परनतु इस्राएल यहोवा के द्वारा युग युग का उद्धार पाएगा; तुम युग युग वरन अनन्तकाल तक न तो कभी लज्जित और न कभी व्याकुल होगे।।
 
18 क्योंकि यहोवा जो आकाश का सृजनहार है, वही परमेश्वर है; उसी ने पृय्वी को रख और बनाया, उसी ने उसको स्यिर भी किया; उस ने उसे सुनसान रहने के लिथे नहीं परन्तु बसने के लिथे उसे रचा है। वही योंकहता है, मैं यहोवा हूं, मेरे सिवा दूसरा और कोई नहीं है।
 
19 मैं ने न किसी गुप्त स्यान में, न अन्धकार देश के किसी स्यान में बातें कीं; मैं ने याकूब के वंश से नहीं कहा, मुझे व्यर्य में ढूंढ़ों। मैं यहोवा सत्य ही कहता हूं, मैं उचित बातें ही बताता हूं।।
 
20 हे अन्यजातियोंमें से बचे हुए लोगो, इकट्ठे होकर आओ, एक संग मिलकर निकट आओ! वह जो अपक्की लकड़ी की खोदी हुई मूरतें लिए फिरते हैं और ऐसे देवता से जिस से उद्धार नहीं हो सकता, प्रार्यना करते हैं, वे अज्ञान हैं।
 
21 तुम प्रचार करो और उनको लाओ; हां, वे आपस में सम्मति करें किस ने प्राचीनकाल से यह प्रगट किया? किस ने प्राचीनकाल में इसकी सूचना पहिले ही से दी? क्या मैं यहोवा ही ने यह नहीं किया? इसलिथे मुझे छोड़ कोई और दूसरा परमेश्वर नहीं है, धर्मी और उद्धारकर्ता ईश्वर मुझे छोड़ और कोई नहीं है।।
 
22 हे पृय्वी के दूर दूर के देश के रहनेवालो, तुम मेरी ओर फिरो और उद्धार पाओ! क्योंकि मैं ही ईश्वर हूं और दूसरा कोई नहीं है।
 
23 मैं ने अपक्की ही शपय खाई, धर्म के अनुसार मेरे मुख से यह वचन निकला है और वह नहीं टलेगा, प्रत्थेक घुटना मेरे सम्मुख फुकेगा और प्रत्थेक के मुख से मेरी ही शपय खाई जाएगी।।
 
24 लोग मेरे विषय में कहेंगे, केवल यहोवा ही में धर्म और शक्ति है। उसी के पास लोग आएंगे। और जो उस से रूठे रहेंगे, उन्हें लज्जित होना पकेगा।
 
25 इस्राएल के सारे वंश के लोग यहोवा ही के कारण धर्मी ठहरेंगे, और उसकी महिमा करेंगे।।
 
 

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