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Revelation
प्रकाशित वाक्य
 
 

 
 
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उत्पत्ति Chapter38
 
1 उन्हीं दिनोंमें ऐसा हुआ, कि यहूदा अपके भाईयोंके पास से चला गया, और हीरा नाम एक अदुल्लामवासी पुरूष के पास डेरा किया।
 
2 वहां यहूदा ने शूआ नाम एक कनानी पुरूष की बेटी को देखा; और उसको ब्याहकर उसके पास गया।
 
3 वह गर्भवती हुई, और उसके एक पुत्र उत्पन्न हुआ; और यहूदा ने उसका नाम एर रखा।
 
4 और वह फिर गर्भवती हुई, और उसके एक पुत्र उत्पन्न हुआ; और उसका नाम ओनान रखा गया।
 
5 फिर उसके एक पुत्र और उत्पन्न हुआ, और उसका नाम शेला रखा गया : और जिस समय इसका जन्म हुआ उस समय यहूदा कजीब में रहता या।
 
6 और यहूदा ने तामार नाम एक स्त्री से अपके जेठे एर का विवाह कर दिया।
 
7 परन्तु यहूदा का वह जेठा एर यहोवा के लेखे में दुष्ट या, इसलिथे यहोवा ने उसको मार डाला।
 
8 तब यहूदा ने ओनान से कहा, अपक्की भौजाई के पास जा, और उसके साय देवर का धर्म पूरा करके अपके भाई के लिथे सन्तान उत्पन्न कर।
 
9 ओनान तो जानता या कि सन्तान तो मेरी न ठहरेगी: सो ऐसा हुआ, कि जब वह अपक्की भौजाई के पास गया, तब उस ने भूमि पर वीर्य गिराकर नाश किया, जिस से ऐसा न हो कि उसके भाई के नाम से वंश चले।
 
10 यह काम जो उस ने किया उसे यहोवा अप्रसन्न हुआ: और उस ने उसको भी मार डाला।
 
11 तब यहूदा ने इस डर के मारे, कि कहीं ऐसा न हो कि अपके भाइयोंकी नाई शेला भी मरे, अपक्की बहू तामार से कहा, जब तक मेरा पुत्र शेला सियाना न हो तब तक अपके पिता के घर में विधवा की बैठी रह, सो तामार अपके पिता के घर में जाकर रहने लगी।
 
12 बहुत समय के बीतने पर यहूदा की पत्नी जो शूआ की बेटी यी सो मर गई; फिर यहूदा शोक से छूटकर अपके मित्र हीरा अदुल्लामवासी समेत अपक्की भेड़-बकरियोंका ऊन कतराने के लिथे तिम्नाय को गया।
 
13 और तामार को यह समाचार मिला, कि तेरा ससुर अपक्की भेड़-बकरियोंका ऊन कतराने के लिथे तिम्नाय को जा रहा है।
 
14 तब उस ने यह सोचकर, कि शेला सियाना तो हो गया पर मैं उसकी स्त्री नहीं होने पाई; अपना विधवापन का पहिरावा उतारा, और घूंघट डालकर अपके को ढांप लिया, और एनैम नगर के फाटक के पास, जो तिम्नाय के मार्ग में है, जा बैठी:
 
15 जब यहूदा ने उसको देखा, उस ने उस को वेश्या समझा; क्योंकि वह अपना मुंह ढ़ापे हुए यी।
 
16 और वह मार्ग से उसकी ओर फिरा और उस से कहने लगा, मुझे अपके पास आने दे, (क्योंकि उसे यह मालूम न या कि वह उसकी बहू है)। और वह कहने लगी, कि यदि मैं तुझे अपके पास आने दूं, तो तू मुझे क्या देगा?
 
17 उस ने कहा, मैं अपक्की बकरियोंमें से बकरी का एक बच्चा तेरे पास भेज दूंगा।
 
18 उस ने पूछा, मैं तेरे पास क्या रेहन रख जाऊं? उस ने कहा, अपक्की मुहर, और बाजूबन्द, और अपके हाथ की छड़ी। तब उस ने उसको वे वसतुएं दे दीं, और उसके पास गया, और वह उस से गर्भवती हुई।
 
19 तब वह उठकर चक्की गई, और अपना घूंघट उतारके अपना विधवापन का पहिरावा फिर पहिन लिया।
 
20 तब यहूदा ने बकरी का बच्चा अपके मित्र उस अदुल्लामवासी के हाथ भेज दिया, कि वह रेहन रखी हुई वस्तुएं उस स्त्री के हाथ से छुड़ा ले आए; पर वह स्त्री उसको न मिली।
 
21 तब उस ने वहां के लोगोंसे पूछा, कि वह देवदासी जो एनैम में मार्ग की एक और बैठी यी, कहां है? उन्होंने कहा, यहां तो कोई देवदासी न यी।
 
22 सो उस ने यहूदा के पास लौटके कहा, मुझे वह नहीं मिली; और उस स्यान के लोगोंने कहा, कि यहां तो कोई देवदासी न यी।
 
23 तब यहूदा ने कहा, अच्छा, वह बन्धक उस के पास रहने दे, नहीं तो हम लोग तुच्छ गिने जाएंगे: देख, मैं ने बकरी का यह बच्चा भेज दिया, पर वह तुझे नहीं मिली।
 
24 और तीन महीने के पीछे यहूदा को यह समाचार मिला, कि तेरी बहू तामार ने व्यभिचार किया है; वरन वह व्यभिचार से गर्भवती भी हो गई है। तब यहूदा ने कहा, उसको बाहर ले आओ, कि वह जलाई जाए।
 
25 जब उसे बाहर निकाल रहे थे, तब उस ने, अपके ससुर के पास यह कहला भेजा, कि जिस पुरूष की थे वस्तुएं हैं, उसी से मैं गर्भवती हूं; फिर उस ने यह भी कहलाया, कि पहिचान तो सही, कि यह मुहर, और वाजूबन्द, और छड़ी किस की है।
 
26 यहूदा ने उन्हें पहिचानकर कहा, वह तो मुझ से कम दोषी है; क्योंकि मैं ने उसे अपके पुत्र शेला को न ब्याह दिया। और उस ने उस से फिर कभी प्रसंग न किया।
 
27 जब उसके जनने का समय आया, तब यह जान पड़ा कि उसके गर्भ में जुड़वे बच्चे हैं।
 
28 और जब वह जनने लगी तब एक बालक ने अपना हाथ बढ़ाया: और धाय ने लाल सूत लेकर उसके हाथ में यह कहते हुथे बान्ध दिया, कि पहिले यही उत्पन्न हुआ।
 
29 जब उस ने हाथ समेट लिया, तब उसका भाई उत्पन्न हो गया: तब उस धाय ने कहा, तू क्योंबरबस निकल आया है ? इसलिथे उसका नाम पेरेस रखा गया।
 
30 पीछे उसका भाई जिसके हाथ में लाल सूत बन्धा या उत्पन्न हुआ, और उसका नाम जेरह रखा गया।।
 
 

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