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एज्रा Chapter2 1 जिनको बाबेल का राजा नबूकदनेस्सर बाबेल को बन्धुआ करके ले गया ााि, उन में से प्रान्त के जो लोग बन्धुआई से छूटकर यरूशलेम और यहूदा को अपके अपके नगर में लौटे वे थे हैं। 2 थे जरूब्बाबेल, थेशू, नहेम्याह, सरायाह, रेलायाह, मौर्दकै, बिलशान, मिस्पार, बिगवै, रहूम और बाना के साय आए। इस्राएली प्रजा के मनुष्योंकी गिनती यह है, अर्यात् 3 परोश की सन्तान दो हजार एक सौ बहत्तर, 4 शपत्याह की सन्तान तीन सौ बहत्तर, 5 आरह की सन्तान सात सौ पछहत्तर, 6 पहत्मोआब की सन्तान थेशू और योआब की सन्तान में से दो हजार आठ सौ बारह, 7 एलाम की सन्तान बारह सौ चौवन, 8 जत्तू की सन्तान नौ सौ पैंतालीस, 9 जक्कै की सन्तान सात सौ पैंतालीस, 10 बानी की सन्तान छ: सौ बयालीस 11 बेबै की सन्तान छ: सौ तेईस, 12 अजगाद की सन्तान बारह सौ बाईस, 13 अदोनीकाम की सन्तान छ: सौ छियासठ, 14 बिग्वै की सन्तान दो हजार छप्पन, 15 आदीन की सन्तान चार सौ चौवन, 16 यहिजकिय्याह की सन्तान आतेर की सन्तान में से अट्ठानवे, 17 बेसै की सन्तान तीन सौ तेईस, 18 योरा के लोग एक सौ बारह, 19 हाशूम के लोग दो सौ तेईस, 20 गिब्बार के लोग पंचानवे, 21 बेतलेहेम के लोग एक सौ तेईस, 22 नतोपा के मनुष्य छप्पन; 23 अनातोत के मनुष्य एक सौ अट्ठाईस, 24 अज्मावेत के लोग बयालीस, 25 किर्यतारीम कपीरा और बेरोत के लोग सात सौ तैतालीस, 26 रामा और गेबा के लोग छ: सौ इक्कीस, 27 मिकमास के मनुष्य एक सौ बाईस, 28 बेतेल और ऐ के मनुष्य दो सौ तेईस, 29 नबो के लोग बावन, 30 मग्बीस की सन्तान एक सौ छप्पन, 31 दूसरे एलाम की सन्तान बारह सौ चौवन, 32 हारीम की सन्तान तीन सौ बीस, 33 लोद, हादीद और ओनो के लोग सात सौ पक्कीस, 34 यरीहो के लोग तीन सौ पैतालीस, 35 सना के लोग तीन हजार छ: सौ तीस।। 36 फिर याजकोंअर्यात् थेशू के घराने में से यदायाह की सन्तान नौ सौ तिहत्तर, 37 इम्मेर की सन्तान एक हजार बावन, 38 पशहूर की सन्तान बारह सौ सैंतालीस, 39 हारीम की सन्तान एक हजार सतरह। 40 फिर लेवीय, अर्यात् थेशू की सन्तान और कदमिएल की सन्तान होदब्याह की सन्तान में से चौहत्तर। 41 फिर गवैयोंमें से आसाप की सन्तान एक सौ अट्ठाईस। 42 फिर दरबानोंकी सन्तान, शल्लूम की सन्तान, आतेर की सन्तान, तल्मोन की सन्तान, अक्कूब की सन्तान, हतीता की सन्तान, और शोबै की सन्तान, थे सब मिलकर एक सौ उनतालीस हुए। 43 फिर नतीन की सन्तान, सीहा की सन्तान, हसूपा की सन्तान, तब्बाओत की सन्तान। 44 केरोस की सन्तान, सीअहा की सन्तान, पादोन की सन्तान, 45 लवाना की सन्तान, हगबा की सन्तान, अक्कूब की सन्तान, 46 हागाब की सन्तान, शमलै की सन्तान, हानान की सन्तान, 47 गिद्दल की सन्तान, गहर की सन्तान, रायाह की सन्तान, 48 रसीन की सन्तान, नकोदा की सन्तान, गज्जाम की सन्तान, 49 उज्जा की सन्तान, पासेह की सन्तान, बेसै की सन्तान, 50 अस्ना की सन्तान, मूनीम की सन्तान, नपीसीम की सन्तान, 51 बकबूक की सन्तान, हकूपा की सन्तान, हर्हूर की सन्तान। 52 बसलूत की सन्तान, महीदा की सन्तान, हर्शा की सन्तान, 53 बर्कोस की सन्तान, सीसरा की सन्तान, तेमह की सन्तान, 54 नसीह की सन्तान, और हतीपा की सन्तान।। 55 फिर सुलैमान के दासोंकी सन्तान, सोतै की सन्तान, हस्सोपेरेत की सन्तान, परूदा की सन्तान, 56 याला की सन्तान, दर्कोन की सन्तान, गिद्देल की सन्तान, 57 शपत्याह की सन्तान, हत्तील की सन्तान, पोकरेतसबायीम की सन्तान, और आमी की सन्तान। 58 सब नतीन और सुलैमान के दासोंकी सन्तान, तीन सौ बानवे थे।। 59 फिर जो तेल्मेलह, तेलहर्शा, करूब, अद्दान और इम्मेर से आए, परन्तु वे अपके अपके पितरोंके घराने और वंशावली न बता सके कि वे इस्राएल के हैं, वे थे हैं: 60 अर्यात् दलायाह की सन्तान, तोबिय्याह की सन्तान और नकोदा की सन्तान, जो मिलकर छ: सौ बावन थे। 61 और याजकोंकी सन्तान में से हबायाह की सन्तान, हक्कोस की सन्तान और बजिर्ल्लै की सन्तान, जिस ने गिलादी बजिर्ल्ले की एक बेटी को ब्याह लिया और उसी का नाम रख लिया या। 62 इन सभोंने अपक्की अपक्की वंशावली का पत्र औरोंकी वंशावली की पोयियोंमें ढूंढ़ा, परन्तु वे न मिले, इसलिथे वे अशुद्ध ठहराकर याजकपद से निकाले गए। 63 और अधिपति ने उन से कहा, कि जब तक ऊरीम और तुम्मीम धारण करनेवाला कोई याजक न हो, तब तक कोई परमपवित्र वस्तु खाने न पाए।। 64 समस्त मण्डली मिलकर बयालीस हजार तीन सौ साठ की यी। 65 इनको छोड़ इनके सात हजार तीन सौ सैंतीस दास-दासियां और दो सौ गानवाले और गानेवालियां यीं। 66 उन के घोड़े सात सौ छत्तीस, खच्चर दो सौ पैंतालीस, ऊंट चार सौ पैंतीस, 67 और गदहे छ: हजार सात सौ बीस थे। 68 और पितरोंके घरानोंके कुछ मुख्य मुख्य पुरूषोंने जब यहोवा के भसन को जो यरूशलेम में है, आए, तब परमेश्वर के भवन को उसी के स्यान पर खड़ा करने के लिथे अपक्की अपक्की इच्छा से कुछ दिया। 69 उन्होंने अपक्की अपक्की पूंजी के अनुसार इकसठ हजार दर्कमोन सोना और पांच हजार माने चान्दी और याजकोंके योग्य एक सौ अंगरखे अपक्की अपक्की इच्छा से उस काम के खजाने में दे दिए। 70 तब याजक और लेवीय और लोगोंमें से कुछ और गवैथे और द्वारपाल और नतीन लोग अपके नगर में और सब इस्राएली अपके अपके नगर में फिर बस गए।।
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