Bible-Server.org  
 
 
Praise the Lord, all ye nations      
Psalms 117:1       
 
enter keywords   match
 AND find keywords in

Home Page
Genesis
उत्पत्ति
Exodus
निर्गमन
Leviticus
लैव्यवस्था
Numbers
गिनती
Deuteronomy
व्यवस्थाविवरण
Joshua
यहोशू
Judges
न्यायियों
Ruth
रूत
1 Samuel
1 शमूएल
2 Samuel
2 शमूएल
1 Kings
1 राजा
2 Kings
2 राजा 
1 Chronicles
1 इतिहास
2 Chronicles
2 इतिहास
Ezra
एज्रा
Nehemiah
नहेमायाह
Esther
एस्तेर
Job
अय्यूब
Psalms
भजन संहिता
Proverbs
नीतिवचन
Ecclesiastes
सभोपदेशक
Song of Solomon
श्रेष्ठगीत
Isaiah
श्रेष्ठगीत
Jeremiah
यिर्मयाह
Lamentations
विलापगीत
Ezekiel
यहेजकेल
Daniel
दानिय्येल
Hosea
होशे
Joel
योएल
Amos
आमोस
Obadiah
ओबद्दाह
Jonah
योना
Micah
मीका
Nahum
नहूम
Habakkuk
हबक्कूक
Zephaniah
सपन्याह
Haggai
हाग्गै
Zechariah
जकर्याह
Malachi
मलाकी
Matthew
मत्ती
Mark
मरकुस
Luke
लूका
John
यूहन्ना
Acts
प्रेरितों के काम
Romans
रोमियो
1 Corinthians
1 कुरिन्थियों
2 Corinthians
2 कुरिन्थियों
Galatians
गलातियों
Ephesians
इफिसियों
Philippians
फिलिप्पियों
Colossians
कुलुस्सियों
1 Thessalonians
1 थिस्सलुनीकियों
2 Thessalonians
2 थिस्सलुनीकियों
1 Timothy
1 तीमुथियुस
2 Timothy
2 तीमुथियुस
Titus
तीतुस
Philemon
फिलेमोन
Hebrews
इब्रानियों
James
याकूब
1 Peter
1 पतरस
2 Peter
2 पतरस
1 John
1 यूहन्ना
2 John
2 यूहन्ना
3 John
3 यूहन्ना
Jude
यहूदा
Revelation
प्रकाशित वाक्य
 
 

 
 
translate into
यहेजकेल Chapter13
 
1 यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,
 
2 हे मनुष्य के सन्तान, इस्राएल के जो भविष्यद्वक्ता अपके ही मन से भविष्यवाणी करते हैं, उनके विरुद्व भविष्यवाणी करके तू कह, यहोवा का वचन सुनो।
 
3 प्रभु यहोवा योंकहता है, हाथ, उन मूढ़ भविष्यद्वक्ताओं पर जो अपक्की ही आत्मा के पीछे भटक जाते हैं, और कुछ दर्शन नहीं पाया !
 
4 हे इस्राएल, तेरे भविष्यद्वक्ता खण्डहरोंमें की लोमडिय़ोंके समान बने हैं।
 
5 तुम ने नाकोंमें चढ़कर इस्राएल के घराने के लिथे भीत नहीं सुधारी, जिस से वे यहोवा के दिन युद्ध में स्यिर रह सकते।
 
6 वे लोग जो कहते हैं, यहोवा की यह वाणी है, उन्होंने भावी का व्यर्य और फूठा दावा किया है; और तब भी यह आशा दिलाई कि यहोवा यह वचन पूरा करेगा; तौभी यहोवा ने उन्हें नहीं भेजा।
 
7 क्या तुम्हारा दर्शन फूठा नहीं है, और क्या तुम फूठमूठ भावी नहीं कहते? तुम कहते हो, कि यहोवा की यह वाणी है; परन्तु मैं ने कुछ नहीं कहा है।
 
8 इस कारण प्रभु यहोवा तुम से योंकहता है, तुम ने जो व्यर्य बात कही और फूठे दर्शन देखे हैं, इसलिथे मैं तुम्हारे विरुद्ध हूँ, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।
 
9 जो भविष्यद्वक्ता फूठे दर्शन देखते और फूठमूठ भावी कहते हैं, मेरा हाथ उनके विरुद्ध होगा, और वे मेरी प्रजा की गोष्ठी में भागी न होंगे, न उनके नाम इस्राएल की नामावली में लिखे जाएंगे, और न वे इस्राएल के देश में प्रवेश करने पाएंगे; इस से तुम लोग जान लोगे कि मैं प्रभु यहोवा हूँ।
 
10 क्योंकि हां, क्योंकि उन्होंने “शान्ति है”, ऐसा कहकर मेरी प्रजा को बहकाया हे जब कि शान्ति नहीं है; और इसलिथे कि जब कोई भीत बनाता है तब वे उसकी कच्ची लेसाई करते हैं।
 
11 उन कच्ची लेसाई करनेवालोंसे कह कि वह गिर जाएगी। क्योंकि बड़े जोर की वर्षा होगी, और बड़े बड़े ओले भी गिरेंगे, और प्रचण्ड आंधी उसे गिराएगी।
 
12 सो जब भीत गिर जाएगी, तब क्या लोग तुम से यह न कहेंगे कि जो लेसाई तुम ने की वह कहां रही?
 
13 इस कारण प्रभु यहोवा तुम से योंकहता है, मैं जलकर उसको पचण्ड आंधी के द्वारा गिराऊंगा; और मेरे कोप से भारी वर्षा होगी, और मेरी जलजलाहट से बड़े बड़े ओले गिरेंगे कि भीत को नाश करें।
 
14 इस रीति जिस भीत पर तुम ने कच्ची लेसाई की है, उसे मैं ढा दूंगा, वरन मिट्टी में मिलाऊंगा, और उसकी नेव खुल जाएगी; और जब वह गिरेगी, तब तुम भी उसके नीचे दबकर नाश होगे; और तुम जान लोगे कि मैं यहोवा हूँ।
 
15 इस रीति मैं भीत और उसकी कच्ची लेसाई करनेवाले दोनोंपर अपक्की जलजलाहट पूर्ण रीति से भड़काऊंगा; फिर तुम से कहूंगा, न तो भीत रही,और न उसके लेसनेवाले रहे,
 
16 अर्यात्‌ इस्राएल के वे भविष्यद्वक्ता जो यरूशलेम के विषय में भविष्यद्वाणी करते और उनकी शान्ति का दर्शन बताते थे, परन्तु प्रभु यहोवा की यह वाणी है, कि शान्ति है ही नहीं।
 
17 फिर हे मनुष्य के सन्तान, तू अपके लोगोंकी स्त्रियोंसे विमुख होकर, जो अपके ही मन से भविष्यद्वाणी करती हे; उनके विरुद्ध भविष्यद्वाणी करके कह,
 
18 प्रभु यहोवा योंकहता है, जो स्त्रियां हाथ के सब जोड़ो के लिथे तकिया सीतीं और प्राणियोंका अहेर करने को सब प्रकार के मनुष्योंकी आंख ढांपके के लिथे कपके बनाती हैं, उन पर हाथ ! क्या तुम मेरी प्रजा के प्राणोंका अहेर करके अपके निज प्राण बचा रखोगी?
 
19 तुम ने तो मुुट्ठी मुट्ठी भर जव और रोटी के टुकड़ोंके बदले मुझे मेरी प्रजा की दृष्टि में अपवित्र ठहराकर, और अपक्की उन फूठी बातोंके द्वारा, जो मेरी प्रजा के लोग तुम से सुनते हैं, जो नाश के योग्य न थे, उनको मार डाला; और जो बचने के योग्य न थे उन प्राणोंको बचा रखा है।
 
20 इस कारण प्रभु यहोवा तुम से योंकहता है, देखो, मैं तुम्हारे उन तकियोंके विरुद्व हूं, जिनके द्वारा तुम प्राणोंका अहेर करती हो, इसलिथे जिन्हें तुम अहेर कर करके उड़ाती हो उनको मैं तुम्हारी बांह पर से छीनकर उनको छुड़ा दूंगा।
 
21 मैं तुम्हारे सिर के बुक को फाड़कर अपक्की प्रजा के लोगोंको नुम्हारे हाथ से छुड़ाऊंगा, और आगे को वे तुम्हारे वश में न रहेंगे कि तुम उनका अहेर कर सको; तब तुम जान लोगी कि मैं यहोवा हूँ।
 
22 तुम ने जो फूठ कहकर धमीं के मन को उदास किया है, यद्यपि मैं ने उसको उदास करना नहीं चाहा, और तुम ने दुष्ट जन को हियाव बन्धाया है, ताकि वह अपके बुरे मार्ग से न फिरे और जीवित रहे।
 
23 इस कारण तुम फिर न तो फूठा दर्शन देखोगी, और न भावी कहोगी; क्योंकि मैं अपक्की प्रजा को तुम्हारे हाथ से दुड़ाऊंगा। तब तुम जान लोगी कि मैं यहोवा हूँ।
 
 

  [ Prev ] 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 | 41 | 42 | 43 | 44 | 45 | 46 | 47 | 48 | [ Next ]