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2 शमूएल Chapter6 1 ( पवित्र सन्दूक का यरूशलेम में पहुंचाया जाना ) फिर दाऊद ने एक और बार इस्राएल में से सब बड़े वीरोंको, जो तीस हजार थे, इकट्ठा किया। 2 तब दाऊद और जितने लोग उसके संग थे, वे सब उठकर यहूदा के बाले नाम स्यान से चले, कि परमेश्वर का वह सन्दूक ले आएं, जो करूबोंपर विराजनेवाले सेनाओं के यहोवा का कहलाता है। 3 तब उन्होंने परमेश्वर का सन्दूक एक नई गाड़ी पर चढ़ाकर टीले पर रहनेवाले अबीनादाब के घर से निकाला; और अबीनादाब के उज्जा और अहह्मो नाम दो पुत्र उस नई गाड़ी को हांकने लगे। 4 और उन्होंने उसको परमेश्वर के सन्दूक समेत टीले पर रहनेवाले अबीनादाब के घर से बाहर निकाला; और अहह्मो सन्दूक के आगे आगे चला। 5 और दाऊद और इस्राएल का समस्त घराना यहोवा के आगे सनौवर की लकड़ी के बने हुए सब प्रकार के बाजे और वीणा, सारंगियां, डफ, डमरू, फांफ बजाते रहे। 6 जब वे नाकोन के खलिहान तक आए, तब उज्जा ने अपना हाथ परमेश्वर के सन्दूक की ओर बढ़ाकर उसे याम लिया, क्योंकि बैलोंने ठोकर खाई। 7 तब यहोवा का कोप उज्जा पर भड़क उठा; और परमेश्वर ने उसके दोष के कारण उसको वहां ऐसा मारा, कि वह वहां परमेश्वर के सन्दूक के पास मर गया। 8 तब दाऊद अप्रसन्न हुआ, इसलिथे कि यहोवा उज्जा पर टूट पड़ा या; और उस ने उस स्यान का नाम पेरेसुज्जा रखा, यह नाम आज के दिन तक वर्तमान है। 9 और उस दिन दाऊद यहोवा से डरकर कहने लगा, यहोवा का सन्दूक मेरे यहां क्योंकर आए? 10 इसलिथे दाऊद ने यहोवा के सन्दूक को अपके यहां दाऊदपुर में पहुंचाना न चाहा; परन्तु गतवासी ओबेदेदोम के यहां पहुंचाया। 11 और यहोवा का सन्दूक गती ओबेदेदोम के घर में तीन महीने रहा; और यहोवा ने ओबेदेदोम और उसके समस्त घराने को आशिष दी। 12 तब दाऊद राजा को यह बताया गया, कि यहोवा ने ओबेदेदोम के घराने पर, और जो कुछ उसका है, उस पर भी परमेश्वर के सन्दूक के कारण आशिष दी है। तब दाऊद ने जाकर परमेश्वर के सन्दूक को ओबेदेदोम के घर से दाऊदपुर में आनन्द के साय पहूंचा दिया। 13 जब यहोवा के सन्दूक के उठानेवाले छ: कदम चल चुके, तब दाऊद ने एक बैल और एक पाला पोसा हुआ बछड़ा बलि कराया। 14 और दाऊद सनी का एपोद कमर में कसे हुए यहोवा के सम्मुख तन मन से नाचता रहा। 15 योंदाऊद और इस्राएल का समस्त घराना यहोवा के सन्दूक को जय जयकार करते और नरसिंगा फूंकते हुए ले चला। 16 जब यहोवा का सन्दूक दाऊदपुर में आ रहा या, तब शाऊल की बेटी मीकल ने खिड़की में से फांककर दाऊद राजा को यहोवा के सम्मुख नाचते कूदते देखा, और उसे मन ही मन तुच्छ जाना। 17 और लोग यहोवा का सन्दूक भीतर ले आए, और उसके स्यान में, अर्यात् उस तम्बू में रखा, जो दाऊद ने उसके लिथे खड़ा कराया या; और दाऊद ने यहोवा के सम्मुख होमबलि और मेलबलि चढ़ाए। 18 जब दाऊद होमबलि और मेलबलि चढ़ा चुका, तब उस ने सेनाओं के यहोवा के नाम से प्रजा को आशीर्वाद दिया। 19 तब उस ने समस्त प्रजा को, अर्यात्, क्या स्त्री क्या पुरुष, समस्त इस्राएली भीड़ के लोगोंको एक एक रोटी, और एक एक टुकड़ा मांस, और किशमिश की एक एक टिकिया बंटवा दी। तब प्रजा के सब लोग अपके अपके घर चले गए। 20 तब दाऊद अपके घराने को आशीर्वाद देने के लिथे लौटा। और शाऊल की बेटी मीकल दाऊद से मिलने को निकली, और कहने लगी, आज इस्राएल का राजा जब अपना शरीर अपके कर्मचारियोंकी लौंडियोंके साम्हने ऐसा उघाड़े हुए या, जैसा कोई निकम्मा अपना तन उघाढ़े रहता है, तब क्या ही प्रतापी देख पड़ता या ! 21 दाऊद ने मीकल से कहा, यहोवा, जिस ने तेरे पिता और उसके समस्त घराने की सन्ती मुझ को चुनकर अपक्की प्रजा इस्राएल का प्रधान होने को ठहरा दिया है, उसके सम्मुख मैं ने ऐसा खेला--और मैं यहोवा के सम्मुख इसी प्रकार खेला करूंगा। 22 और इस से भी मैं अधिक तुच्छ बनूंगा, और अपके लेखे नीच ठहरूंगा; और जिन लौंडियोंकी तू ने चर्चा की वे भी मेरा आदरमान करेंगी। 23 और शाऊल की बेटी मीकल के मरने के दिन तक उसके कोई सन्तान न हुआ।
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