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Psalms 117:1       
 
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प्रकाशित वाक्य
 
 

 
 
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2 इतिहास Chapter5
 
1 इस प्रकार सुलैमान ने यहोवा के भवन के लिथे जो जो काम बनवाया वह सब निपट गया। तब सुलैमान ने अपके पिता दाऊद के पवित्र किए हुए सोने, चान्दी और सब पात्रोंको भीतर पहुंचाकर परमेश्वर के भवन के भएाडारोंमें रखवा दिया।
 
2 तब सुलैमान ने इस्राएल के पुरनियोंको और गोत्रोंके सब मुखय पुरुष, जो इस्राएलियोंके पितरोंके घरानोंके प्रधान थे, उनको भी यरूशलेम में इस मनसा से इकट्ठा किया, कि वे यहोवा की वाचा का सन्दूक दाऊदपुर से अर्यात्‌ सिय्योन से ऊपर लिवा ले आएं।
 
3 सब इस्राएली पुरुष सातवें महीने के पर्व के समय राजा के पास इकट्ठे हुए।
 
4 जब इस्राएल के सब पुरनिथे आए, तब लेवियोंने सन्दूक को उठा लिया।
 
5 और लेवीय याजक सन्दूक और मिलाप का तम्बू और जितने पवित्र पात्र उस तम्बू में थे उन सभोंको ऊपर ले गए।
 
6 और राजा सुलैमान और सब इस्राएली मण्डली के लोग जो उसके पास इकट्ठे हुए थे, उन्होंने सन्दूक के साम्हने इतनी भेड़ और बैल बलि किए, जिनकी गिनती और हिसाब बहुतायत के कारण न हो सकती यी।
 
7 तब याजकोंने यहोवा की वाचा का सनदूक उसके स्यान में, अर्यात्‌ भवन की भीतरी कोठरी में जो परमपवित्र स्यान है, पहंचाकर, करूबोंके पंखोंके तले रख दिया।
 
8 सन्दूक के स्यान के ऊपर करूब तो पंख फैलाए हुए थे, जिससे वे ऊपर से सन्दूक और उसके डणडोंको ढांपे थे।
 
9 डणडे तो इतने लम्बे थे, कि उनके सिक्के सन्दूक से निकले हुए भीतरी कोठरी के साम्हने देख पड़ते थे, परन्तु बाहर से वे दिखई न पड़ते थे। वे आज के दिन तक वहीं हैं।
 
10 सन्दूक में पत्य्र की उन दो पटियाओं को छोड़ कुछ न या, जिन्हें मूसा ने होरेब में उसके भीतर उस समय रखा, जब यहोवा ने इस्राएलियोंके मिस्र से निकलने के बाद उनके साय वाचा बान्धी यी।
 
11 जब याजक पवित्रस्यान से निकले ( जितने याजक उपस्यित थे, उन सभोंने तो अपके अपके को पवित्र किया या, और अलग अलग दलोंमें होकर सेवा न करते थे;
 
12 और जितने लेवीय गवैथे थे, वे सब के सब अर्यात्‌ मुत्रोंऔर भइयोंसमेत आसाप, हेमान और यदूतून सन के वस्त्र पहिने फांफ, सारंगियां और वीणाएं लिथे हुए, वेदी के पूर्व अलंग में खड़े थे, और उनके साय एक सौ बीस याजक तुरहियां बजा रहे थे।)
 
13 तो जब तुरहियां बजानेवाले और गानेवाले एक स्वर से यहोवा की स्तुति और धन्यवाद करने लगे, और तुरहियां, फांफ आदि बाजे बजाते हुए यहोवा की यह स्तुति ऊंचे शब्द से करने लगे, कि वह भला है और उसकी करुणा सदा की है, तब यहोवा के भवन मे बादल छा गया,
 
14 और बादल के कारण याजक लोग सेवा-टहल करने को खड़े न रह सके, क्योंकि यहोवा का तेज परमेश्वर के भवन में भर गया या।
 
 

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