Bible-Server.org  
 
 
Praise the Lord, all ye nations      
Psalms 117:1       
 
enter keywords   match
 AND find keywords in

Home Page
Genesis
उत्पत्ति
Exodus
निर्गमन
Leviticus
लैव्यवस्था
Numbers
गिनती
Deuteronomy
व्यवस्थाविवरण
Joshua
यहोशू
Judges
न्यायियों
Ruth
रूत
1 Samuel
1 शमूएल
2 Samuel
2 शमूएल
1 Kings
1 राजा
2 Kings
2 राजा 
1 Chronicles
1 इतिहास
2 Chronicles
2 इतिहास
Ezra
एज्रा
Nehemiah
नहेमायाह
Esther
एस्तेर
Job
अय्यूब
Psalms
भजन संहिता
Proverbs
नीतिवचन
Ecclesiastes
सभोपदेशक
Song of Solomon
श्रेष्ठगीत
Isaiah
श्रेष्ठगीत
Jeremiah
यिर्मयाह
Lamentations
विलापगीत
Ezekiel
यहेजकेल
Daniel
दानिय्येल
Hosea
होशे
Joel
योएल
Amos
आमोस
Obadiah
ओबद्दाह
Jonah
योना
Micah
मीका
Nahum
नहूम
Habakkuk
हबक्कूक
Zephaniah
सपन्याह
Haggai
हाग्गै
Zechariah
जकर्याह
Malachi
मलाकी
Matthew
मत्ती
Mark
मरकुस
Luke
लूका
John
यूहन्ना
Acts
प्रेरितों के काम
Romans
रोमियो
1 Corinthians
1 कुरिन्थियों
2 Corinthians
2 कुरिन्थियों
Galatians
गलातियों
Ephesians
इफिसियों
Philippians
फिलिप्पियों
Colossians
कुलुस्सियों
1 Thessalonians
1 थिस्सलुनीकियों
2 Thessalonians
2 थिस्सलुनीकियों
1 Timothy
1 तीमुथियुस
2 Timothy
2 तीमुथियुस
Titus
तीतुस
Philemon
फिलेमोन
Hebrews
इब्रानियों
James
याकूब
1 Peter
1 पतरस
2 Peter
2 पतरस
1 John
1 यूहन्ना
2 John
2 यूहन्ना
3 John
3 यूहन्ना
Jude
यहूदा
Revelation
प्रकाशित वाक्य
 
 

 
 
translate into
2 इतिहास Chapter29
 
1 जब हिजकिय्याह राज्य करने लगा तब वह पक्कीस वर्ष का या, और उनतीस वर्ष तक यरूशलेम में राज्य करता रहा। और उसकी माता का ताम अबिय्याह या, जो जकर्याह की बेटी यी।
 
2 जैसे उसके मूलपुरुष दाऊद ने किया या अर्यात्‌ जो यहोवा की दृष्टि में ठीक या वैसा ही उस ने भी किया।
 
3 अपके राज्य के पहिले वर्ष के पहिले महीने में उस ने यहोवा के भवन के द्वार खुलवा दिए, और उनकी मरम्मत भी कराई।
 
4 तब उस ने याजकोंऔर लेवियोंको ले आकर पूर्व के चौक में इकट्ठा किया।
 
5 और उन से कहने लगा, हे लेवियो मेरी सुनो ! अब अपके अपके को पवित्र करो, और अपके पूर्वजोंके परमेश्वर यहोवा के भवन को पवित्र करो, और पवित्रस्यान में से मैल निकालो।
 
6 देखो हमारे पुरखाओं ने विश्वासघात करके वह कर्म किया या, जो हमारे परमेश्वर यहोवा की दृष्टि में बुरा है और उसको तज करके यहोवा के निवास से मुंह फेरकर उसको पीठ दिखाई यी।
 
7 फिर उन्होंने ओसारे के द्वार बन्द किए, और दीपकोंको बुफा दिया या; और पवित्र स्यान में इस्राएल के परमेश्वर के लिथे न तो धूप जलाया और न होमबलि चढ़ाया या।
 
8 इसलिथे यहोवा का क्रोध यहूदा और यरूशलेम पर भड़का है, और उस ने ऐसा किया, कि वे मारे मारे फिरें और चकित होने और ताली बजाने का कारण हो जाएं, जैसे कि तुम अपक्की आंखोंसे देख रहे हो।
 
9 देखो, अस कारण हमारे बाप तलवार से मारे गए, और हमारे बेटे-बेटियां और स्त्रियां बन्धुआई में चक्की गई हैं।
 
10 अब मेरे मन ने यह निर्णय किया है कि इस्राएल के परमेश्वर यहोवा से वाचा बान्धूं, इसलिथे कि उसका भड़का हुआ क्रोध हम पर से दूर हो जाए।
 
11 हे मेरे बेटो, ढिलाई न करो देखो, यहोवा ने अपके सम्मुख खड़े रहने, और अपक्की सेवा टहल करने, और अपके टहलुए और धूप जलानेवाले का काम करने के लिथे तुम्हीं को चुन लिया है।
 
12 तब लेवीय उठ खड़े हुए, अर्यात्‌ कहातियोंमें से अमासै का पुत्र महत, और अजर्याह का पुत्र योएल, और मरारियोंमें से अब्दी का पुत्र कीश, और यहल्लेलेल का पुत्र अजर्याह, और गेशॉनियोंमें से जिम्मा का पुत्र योआह, और योआह का पुत्र एदेन।
 
13 और एलीसापान की सन्तान में से शिम्री, और यूएल और आसाप की सन्तान में से जकर्याह और मत्तन्याह।
 
14 और हेमान की सन्तान में से यहूएल और शिमी, और यदूतून की सन्तान में से शमायाह और उज्जीएल।
 
15 इन्होंने अपके भाइयोंको इकट्ठा किया और अपके अपके को पवित्र करके राजा की उस आज्ञा के अनुसार जो उस ने यहोवा से वचन पाकर दी यी, यहोवा के भवन के शुद्ध करने के लिथे भीतर गए।
 
16 तब याजक यहोवा के भवन के भीतरी भाग को शुद्ध करने के लिथे उस में जाकर यहोवा के मन्दिर में जितनी अशुद्ध वस्तुएं मिीं उन सब को निकालकर यहोवा के भवन के आंगन में ले गए, और लेवियोंने उन्हें उठाकर बाहर किद्रोन के नाले में पहुंचा दिया।
 
17 पहिले महीने के पहिले दिन को उन्होंने पवित्र करने का काम आरम्भ किया, और उसी महीने के आठवें दिन को वे यहोवा के ओसारे तक आ गए। इस प्रकार उन्होंने यहोवा के भवन को आठ दिन में पवित्र किया, और पहिले महीने के सोलहवें दिन को उन्होंने उस काम को पूरा किया।
 
18 तब उन्होंने राजा हिजकिय्याह के पास भीतर जाकर कहा, हम यहोवा के पूरे भवन को और पात्रोंसमेत होमबलि की वेदी और भेंट की रोटी की मेज को भी शुद्ध कर चुके।
 
19 और जितने पात्र राजा आहाज ने अपके राज्य में विश्वासघात करके फेंक दिए थे, उनको भी हम ने ठीक करके पवित्र किया है; और वे यहोवा की वेदी के साम्हने रखे हुए हैं।
 
20 तब राजा हिजकिय्याह सबेरे उठकर नगर के हाकिमोंको इकट्ठा करके, यहोवा के भवन को गया।
 
21 तब वे राज्य और पवित्रस्यान और यहूदा के निमित्त सात बछड़े, सात मेढ़े, सात भेड़ के बच्चे, और पापबलि के लिथे सात बकरे ले आए, और उस ने हारून की सन्तान के लेवियोंको आज्ञा दी कि इन सब को यहोवा की वेदी पर चढ़ाएं।
 
22 तब उन्होंने बछड़े बलि किए, और याजकोंने उनका लोहू लेकर वेदी पर छिड़क दिया; तब उन्होंने मेढ़े बलि किए, और उनका लोहू भी वेदी पर छिड़क दिया। और भेड़ के बच्चे बलि किए, और उनका भी लोहू वेदी पर छिडक दिया।
 
23 तब वे पापबलि के बकरोंको राजा और मण्डली के समीप ले आए और उन पर अपके अपके हाथ रखे।
 
24 तब याजकोंने उनको बलि करके, उनका लोहू वेदी पर छिड़क कर पापबलि किया, जिस से सारे इस्राएल के लिथे प्रायश्चित्त किया जाए। क्योंकि राजा ने सारे इस्राएल के लिथे होमबलि और पापबलि किए जाने की आज्ञा दी यी।
 
25 फिर उस ने दाऊद और राजा के दशीं गाद, और नातान नबी की आज्ञा के अनुसार जो यहोवा की ओर से उसके नबियोंके द्वारा आई यी, फांफ, सारंगियां और वीणाएं लिए हुए लेवियोंको यहोवा के भवन में खड़ा किया।
 
26 तब लेवीय दाऊद के चलाए बाजे लिए हुए, और याजक तुरहियां लिए हुए खड़े हुए।
 
27 तब हिजकिय्याह ने वेदी पर होमबलि चढ़ाने की आज्ञा दी, और जब होमबलि चढ़ने लगी, तब यहोवा का गीत आरम्भ हुआ, और तुरहियां और इस्राएल के राजा दाऊद के बाजे बजने लगे।
 
28 और मण्डली के सब लोग दणडवत करते और गानेवाले गाते और तुरही फूंकनेवाले फूंकते रहे; यह सब तब तक होता रहा, जब तक होमबलि चढ़ न चुकी।
 
29 और जब बलि चढ़ चुकी, तब राजा और जितने उसके संग वहां थे, उन सभोंने सिर फुकाकर दणडवत किया।
 
30 और राजा हिजकिय्याह और हाकिमोंने लेवियोंको आज्ञा दी, कि दाऊद और आसाप दशीं के भजन गाकर यहोवा की स्तुति करें। और उन्होंने आनन्द के साय स्तुति की और सिर नवाकर दणडवत किया।
 
31 तब हिजकिय्याह कहने लगा, अब तुम ने यहोवा के निमित्त अपना अर्पण किया है; इसलिथे समीप आकर यहोवा के भवन में मेलबलि और धन्यवादबलि पहुंचाओ। तब मण्डली के लोगोंने मेलबलि और धन्यवादबलि पहुंचा दिए, और जितने अपक्की इच्छा से देना चाहते थे उन्होंने भी होमबलि पहुंचाए।
 
32 जो होमबलि पशु मण्डली के लाग ले आए, उनकी गिनती यह यी; सत्तर बैल, एक सौ मेढ़े, और दो सौ भेड़ के बच्चे; थे सब यहोवा के निमित्त होमबलि के काम में आए।
 
33 और पवित्र किए हुए पशु, छ: सौ बैल और तीन हजार भेड़-बकरियां यी।
 
34 परन्तु याजक ऐसे थेड़े थे, कि वे सब होमबलि पशुओं की खालें न उतार सके, तब उनके भाई लेवीय उस समय तक उनकी सहाथता करते रहे जब तक वह काम निपट न गया, और याजकोंने अपके को पवित्र न किया; क्योंकि लेवीय अपके को पवित्र करने के लिथे पवित्र याजकोंसे अधिक सीधे मन के थे।
 
35 और फिर होमबलि पशु बहुत थे, और मेलबलि पशुओं की चक्कीं भी बहुत यी, और एक एक होमबलि के साय अर्ध भी देना पड़ा। योंयहोवा के भवन में की उपासना ठीक की गई।
 
36 तब हिजकिय्याह और सारी प्रजा के लोग उस काम के कारण आनन्दित हुए, जो यहोवा ने अपक्की प्रजा के लिथे तैयार किया या; क्योंकि वह काम एकाएक हो गया या।
 
 

  [ Prev ] 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | [ Next ]