Bible-Server.org  
 
 
Praise the Lord, all ye nations      
Psalms 117:1       
 
enter keywords   match
 AND find keywords in

Home Page
Genesis
उत्पत्ति
Exodus
निर्गमन
Leviticus
लैव्यवस्था
Numbers
गिनती
Deuteronomy
व्यवस्थाविवरण
Joshua
यहोशू
Judges
न्यायियों
Ruth
रूत
1 Samuel
1 शमूएल
2 Samuel
2 शमूएल
1 Kings
1 राजा
2 Kings
2 राजा 
1 Chronicles
1 इतिहास
2 Chronicles
2 इतिहास
Ezra
एज्रा
Nehemiah
नहेमायाह
Esther
एस्तेर
Job
अय्यूब
Psalms
भजन संहिता
Proverbs
नीतिवचन
Ecclesiastes
सभोपदेशक
Song of Solomon
श्रेष्ठगीत
Isaiah
श्रेष्ठगीत
Jeremiah
यिर्मयाह
Lamentations
विलापगीत
Ezekiel
यहेजकेल
Daniel
दानिय्येल
Hosea
होशे
Joel
योएल
Amos
आमोस
Obadiah
ओबद्दाह
Jonah
योना
Micah
मीका
Nahum
नहूम
Habakkuk
हबक्कूक
Zephaniah
सपन्याह
Haggai
हाग्गै
Zechariah
जकर्याह
Malachi
मलाकी
Matthew
मत्ती
Mark
मरकुस
Luke
लूका
John
यूहन्ना
Acts
प्रेरितों के काम
Romans
रोमियो
1 Corinthians
1 कुरिन्थियों
2 Corinthians
2 कुरिन्थियों
Galatians
गलातियों
Ephesians
इफिसियों
Philippians
फिलिप्पियों
Colossians
कुलुस्सियों
1 Thessalonians
1 थिस्सलुनीकियों
2 Thessalonians
2 थिस्सलुनीकियों
1 Timothy
1 तीमुथियुस
2 Timothy
2 तीमुथियुस
Titus
तीतुस
Philemon
फिलेमोन
Hebrews
इब्रानियों
James
याकूब
1 Peter
1 पतरस
2 Peter
2 पतरस
1 John
1 यूहन्ना
2 John
2 यूहन्ना
3 John
3 यूहन्ना
Jude
यहूदा
Revelation
प्रकाशित वाक्य
 
 

 
 
translate into
1 शमूएल Chapter30
 
1 तीसरे दिन जब दाऊद अपके जनोंसमेत सिकलग पहुंचा, तब उन्होंने क्या देखा, कि अमालेकियोंने दक्खिन देश और सिकलग पर चढ़ाई की। और सिकलग को मार के फूंक दिया,
 
2 और उस में की स्त्री आदि छोटे बड़े जितने थे, सब को बन्धुआई में ले गए; उन्होंने किसी को मार तो नहीं डाला, परन्तु सभोंको लेकर अपना मार्ग लिया।
 
3 इसलिथे जब दाऊद अपके जनोंसमेत उस नगर में पहुंचा, तब नगर तो जला पड़ा या, और स्त्रियां और बेटे-बेछियां बन्धुआई में चक्की गई यीं।
 
4 तब दाऊद और वे लोग जो उसके साय थे चिल्लाकर इतना रोए, कि फिर उन में रोने की शक्ति न रही।
 
5 और दाऊद की दो स्त्रियां, यिज्रेली अहीनोअम, और कर्मैली नाबाल की स्त्री अबीगैल, बन्धुआई में गई यीं।
 
6 और दाऊद बड़े संकट में पड़ा; क्योंकि लोग अपके बेटे-बेटियोंके कारण बहुत शोकित होकर उस पर पत्यरवाह करने की चर्चा कर रहे थे। परन्तु दाऊद ने अपके परमेश्वर यहोवा को स्मरण करके हियाव बान्धा।।
 
7 तब दाऊद ने अहीमेलेक के पुत्र एब्यातार याजक से कहा, एपोद को मेरे पास ला। तब एब्यातार एपोद को दाऊद के पास ले आया।
 
8 और दाऊद ने यहोवा से पूछा, क्या मैं इस दल का पीछा करूं? क्या उसको जा पकडूंगा? उस ने उस से कहा, पीछा कर; क्योंकि तू निश्चय उसको पकड़ेगा, और निसन्देह सब कुछ छुड़ा लाएगा;
 
9 तब दाऊद अपकेछ: सौ सायी जनोंको लेकर बसोर नाम नाले तक पहुंचा; वहां कुछ लोग छोड़े जाकर रह गए।
 
10 दाऊद तो चार सौ पुरूषोंसमेत पीछा किए चला गया; परन्तु दौसौ जो ऐसे यक गए थे, कि बसोर नाले के पार न जा सके वहीं रहे।
 
11 उनको एक मिस्री पुरूष मैदान में मिला, उन्होंने उसे दाऊद के पास ले जाकर रोटी दी; और उस ने उसे खाया, तब उसे पानी पिलाया,
 
12 फिर उन्होंने उसको अंजीर की टिकिया का एक टुकड़ा और दो गुच्छे किशमिश दिए। और जब उस ने खाया, तब उसके जी में जी आया; उस ने तीन दिन और तीन रात से न तो रोटी खाई यी और न पानी पिया या।
 
13 तब दाऊद ने उस से पूछा, तू किस का जन है? और कहां का है? उस ने कहा, मैं तो मिस्री जवान अौर एक अमालेकी मनुष्य का दास हूँ; अौर तीन दिन हुए कि मैं बीमार पड़ा, अौर मेरा स्वामी मुझे छोड़ गया।
 
14 हम लोगोंने करेतियोंकी दक्खिन दिशा में, और यहूदा के देश में, और कालेब की दक्खिन दिशा में चढाई की; और सिकलग को आग लगाकर फूंक दिया या।
 
15 दाऊद ने उस से पूछा, क्या तू मुझे उस दल के पास पहुंचा देगा? उस ने कहा, मुझ से परमेश्वर की यह शपय खा, कि मैं तुझे न तो प्राण से मारूंगा, और न तेरे स्वामी के हाथ कर दूंगा, तब मैं तुझे उस दल के पास पहुंचा दूंगा।
 
16 जब उस ने उसे पहुंचाया, तब देखने में आया कि वे सब भूमि पर छिटके हुए खाते पीते, और उस बडी लूट के कारण, जो वे पलिश्तियोंके देश और यहूदा देश से लाए थे, नाच रहे हैं।
 
17 इसलिथे दाऊद उन्हें रात के पहिले पहर से लेकर दूसरे दिन की सांफ तक मारता रहा; यहां तक कि चार सौ जवान को छोड़, जो ऊंटोंपर चढ़कर भाग गए, उन में से एक भी मनुष्य न बचा।
 
18 और जो कुछ अमालेकी ले गए थे वह सब दाऊद ने छुड़ाया; और दाऊद ने आपक्की दोनोंस्त्रियोंको भी छुड़ा लिया।
 
19 वरन उनके क्या छोटे, क्या बड़े,क्या बेटे, क्या बेटियां, क्या लूट का माल, सब कुछ जो अमालेकी ले गए थे, उस में से कोई वस्तु न रही जो उनको न मिली हो; क्योंकि दाऊद सब का सब लौटा लाया।
 
20 और दाऊद ने सब भेड़-बकरियां, और गाय-बैल भी लूट लिए; और इन्हें लोग यह कहते हुए अपके जानवरोंके आगे हांकते गए, कि यह दाऊद की लूट है।
 
21 तब दाऊद उन दो सौ पुरुषोंके पास आया, जो ऐसे यक गए थे कि दाऊद के पीछे पीछे न जा सके थे, और बसोर नाले के पास छोड़ दिए गए थे; और वे दाऊद से और उसके संग के लोगोंसे मिलने को चले; और दाऊद ने उनके पास पहुंचकर उनका कुशल झेम पूछा।
 
22 तब उन लोगोंमें से जो दाऊद के संग गए थे सब दुष्ट और ओछे लोगोंने कहा, थे लोग हमारे साय नही चले थे, इस कारण हम उन्हें अपके छुड़ाए हुए लूट के माल में से कुछ न देंगे, केवल एक एक मनुष्य को उसकी स्त्री और बाल बच्चे देंगे, कि वे उन्हें लेकर चले जाएं।
 
23 परन्तु दाऊद ने कहा, हे मेरे भाइयो, तुम उस माल के साय एसा न करने पाओगे जिसे यहोवा ने हमें दिया है; और उसने हमारी रझा की, और उस दल को जिस ने हमारे ऊपर चढाई की यी हमारे हाथ में कर दिया है।
 
24 और इस विषय में तुम्हारी कौन सुनेगा? लड़ाई में जानेवाले का जैसा भाग हो, सामान के पास बैठे हए का भी वैसा ही भाग होगा; दोनोंएक ही समान भाग पाएंगे।
 
25 और दाऊद ने इस्राएलियोंके लिथे ऐसी ही विधि और नियम ठहराया, और वह उस दिन से लेकर आगे को वरन आज लोंबना है।
 
26 सिकलग में पहुंचकर दाऊद ने यहूदी पुरनियोंके पास जो उसके मित्र थे लूट के माल में से कुछ कुछ भेजा, और यह कहलाया, कि यहोवा के शत्रुओं से ली हुई लूट में से तुम्हारे लिथे यह भेंट है।
 
27 अर्यात्‌बेतेल के दक्खिन देश के रामोत,यत्तीर,
 
28 अरोएर, सिपमोत, एश्तमो,
 
29 राकाल, यरहमेलियोंके नगरों, केनियोंके नगरों,
 
30 होर्मा, कोराशान, अताक,
 
31 हेब्रोन आदि जितने स्यानोंमें दाऊद अपके जनोंसमेत फिरा करता या, उन सब के पुरनियोंके पास उसने कुछ कुछ भेजा।
 
 

  [ Prev ] 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | [ Next ]