Bible-Server.org  
 
 
Praise the Lord, all ye nations      
Psalms 117:1       
 
enter keywords   match
 AND find keywords in

Home Page
Genesis
उत्पत्ति
Exodus
निर्गमन
Leviticus
लैव्यवस्था
Numbers
गिनती
Deuteronomy
व्यवस्थाविवरण
Joshua
यहोशू
Judges
न्यायियों
Ruth
रूत
1 Samuel
1 शमूएल
2 Samuel
2 शमूएल
1 Kings
1 राजा
2 Kings
2 राजा 
1 Chronicles
1 इतिहास
2 Chronicles
2 इतिहास
Ezra
एज्रा
Nehemiah
नहेमायाह
Esther
एस्तेर
Job
अय्यूब
Psalms
भजन संहिता
Proverbs
नीतिवचन
Ecclesiastes
सभोपदेशक
Song of Solomon
श्रेष्ठगीत
Isaiah
श्रेष्ठगीत
Jeremiah
यिर्मयाह
Lamentations
विलापगीत
Ezekiel
यहेजकेल
Daniel
दानिय्येल
Hosea
होशे
Joel
योएल
Amos
आमोस
Obadiah
ओबद्दाह
Jonah
योना
Micah
मीका
Nahum
नहूम
Habakkuk
हबक्कूक
Zephaniah
सपन्याह
Haggai
हाग्गै
Zechariah
जकर्याह
Malachi
मलाकी
Matthew
मत्ती
Mark
मरकुस
Luke
लूका
John
यूहन्ना
Acts
प्रेरितों के काम
Romans
रोमियो
1 Corinthians
1 कुरिन्थियों
2 Corinthians
2 कुरिन्थियों
Galatians
गलातियों
Ephesians
इफिसियों
Philippians
फिलिप्पियों
Colossians
कुलुस्सियों
1 Thessalonians
1 थिस्सलुनीकियों
2 Thessalonians
2 थिस्सलुनीकियों
1 Timothy
1 तीमुथियुस
2 Timothy
2 तीमुथियुस
Titus
तीतुस
Philemon
फिलेमोन
Hebrews
इब्रानियों
James
याकूब
1 Peter
1 पतरस
2 Peter
2 पतरस
1 John
1 यूहन्ना
2 John
2 यूहन्ना
3 John
3 यूहन्ना
Jude
यहूदा
Revelation
प्रकाशित वाक्य
 
 

 
 
translate into
1 शमूएल Chapter17
 
1 अब पलिश्तियोंने युद्ध के लिथे अपक्की सेनाओं को इकट्ठा किया; और यहूदा देश के सोको में एक साय होकर सोको और अजेका के बीच एपेसदम्मीम में डेरे डाले।
 
2 और शाऊल और इस्राएली पुरूषोंने भी इकट्ठे होकर एला नाम तराई में डेरे डाले, और युद्ध के लिथे पलिश्तियोंके विरूद्ध पांती बान्धी।
 
3 पलिश्ती तो एक ओर के पहाड़ पर और इस्राएली दूसरी ओर के पहाड़ पर और इस्राएली दूसरी ओर के पहाड़ पर खड़े रहे; और दोनोंके बीच तराई यी।
 
4 तब पलिश्तियोंकी छावनी में से एक वीर गोलियत नाम निकला, जो गत नगर का या, और उसके डील की लम्बाई छ: हाथ एक बित्ता यी।
 
5 उसके सिर पर पीतल का टोप या; और वह एक पत्तर का फिलम पहिने हुए या, जिसका तौल पांच हजार शेकेल पीतल का या।
 
6 उसकी टांगोंपर पीतल के कवच थे, और उस से कन्धोंके बीच बरछी बन्धी यी।
 
7 उसके भाले की छड़ जुलाहे के डोंगी के समान यी, और उस भाले का फल छ: सौ शेकेल लोहे का या, और बड़ी ढाल लिए हुए एक जन उसके आगे आगे चलता या
 
8 वह खड़ा होकर इस्राएली पांतियोंको ललकार के बोला, तुम ने यहां आकर लड़ाई के लिथे क्योंपांति बान्धी है? क्या मैं पलिश्ती नहीं हूं, और तुम शाऊल के अधीन नहीं हो? अपके में से एक पुरूष चुना, कि वह मेरे पास उत्तर आए।
 
9 यदि वह मुझ से लड़कर मुझे मार सके, तब तो हम तुम्हारे अधीन हो जाएंगे; परन्तु यदि मैं उस पर प्रबल होकर मांरू, तो तुम को हमारे अधीन होकर हमारी सेवा करनी पकेगी।
 
10 फिर वह पलिश्ती बोला, मैं आज के दिन इस्राएली पांतियोंको ललकारता हूं, किसी पुरूष को मेरे पास भेजो, कि हम एक दूसरे से लड़ें।
 
11 उस पलिश्ती की इन बातोंको सुनकर शाऊल और समस्त इस्राएलियोंका मन कच्च हो गया, और वे अत्यन्त डर गए।।
 
12 दाऊद तो यहूदा के बेतलेहेम के उस एप्राती पुरूष को पुत्र या, जिसका नाम यिशै या, और उसके आठ पुत्र थे और वह पुरूष शाऊल के दिनोंमें बूढ़ा और निर्बल हो गया या।
 
13 यिशै के तीन बड़े पुत्र शाऊल के पीछे होकर लड़ने को गए थे; और उसके तीन पुत्रोंके नाम जो लड़ने को गए थे थे थे, अर्यात्‌ ज्थेश्ठ का नाम एलीआब, दूसरे का अबीनादाब, और तीसरे का शम्मा या।
 
14 और सब से छोटा दाऊद या; और तीनोंबड़े पुत्र शाऊल के पीछे होकर गए थे,
 
15 और दाऊद बेतलहेम में अपके पिता की भेड़ बकरियां चराने को शाऊल के पास से आया जाया करता या।।
 
16 वह पलिश्ती तो चालीस दिन तक सवेरे और सांफ को निकट आकर खड़ा हुआ करता या।
 
17 और यिशै ने अपके पुत्र दाऊद से कहा, यह एपा भर चबैना, और थे दस रोटियां लेकर छावनी में अपके भाइयोंके पास दौड़ जा;
 
18 और पक्कीर की थे दस टिकियां उनके सहस्रपति के लिथे ले जा। और अपके भाइयोंका कुशल देखकर उन की कोई चिन्हानी ले आना।
 
19 शाऊल, और वे भाई, और समस्त इस्राएली पुरूष एला नाम तराई में पलिश्तियोंसे लड़ रहे थे।
 
20 और दाऊद बिहान को सबेरे उठ, भेड़ बकरियोंको किसी रखवाले के हाथ में छोड़कर, उन वस्तुओं को लेकर चला; और जब सेना रणभूमि को जा रही, और संग्राम के लिथे ललकार रही यी, उसी समय वह गाडिय़ोंके पड़ाव पर पहुंचा।
 
21 तब इस्राएलियोंऔर पलिश्तियोंने अपक्की अपक्की सेना आम्हने साम्हने करके पांति बांन्धी।
 
22 औ दाऊद अपक्की समग्री सामान के रखवाले के हाथ में छोड़कर रणभूमि को दौड़ा, और अपके भाइयोंके पास जाकर उनका कुशल झेम पूछा।
 
23 वह उनके साय बातें कर ही रहा या, कि पलिश्तियोंकी पांतियोंमें से वह वीर, अर्यात्‌ गतवासी गालियत नाम वह पलिश्ती योद्धा चढ़ आया, और पहिले की सी बातें कहने लगा। और दाऊद ने उन्हें सुना।
 
24 उस पुरूष को देखकर सब इस्राएली अत्यन्त भय खाकर उसके साम्हने से भागे।
 
25 फिर इस्राएली पुरूष कहने लगे, क्या तुम ने उस पुरूष को देखा है जो चढ़ा आ रहा है? निश्चय वह इस्राएलियोंको ललकारने को चढ़ा आता है; और जो कोई उसे मार डालेगा उसको राजा बहुत धन देगा, और अपक्की बेटी ब्याह देगा, और उसके पिता के घराने को इस्राएल में स्वतन्त्र कर देगा।
 
26 तब दाऊद ने उन पुरूषोंसे जो उसके आस पास खड़े थे पूछा, कि जो उस पलिश्ती को मारके इस्राएलियोंकी नामधराई दूर करेगा उसके लिथे क्या किया जाएगा? वह खतनारहित पलिश्ती तो क्या है कि जीवित परमेश्वर की सेना को ललकारे?
 
27 तब लोगोंने उस से वही बातें कहीं, अर्यात्‌ यह, कि जो कोई उसे मारेगा उस से ऐसा ऐसा किया जाएगा।
 
28 जब दाऊद उन मनुष्योंसे बातें कर रहा या, तब उसका बड़ा भाई एलीआब सुन रहा या; और एलीआब दाऊद से बहुत क्रोधित होकर कहने लगा, तू यहां क्या आया है? और जंगल में उन योड़ी सी भेड़ बकरियोंको तू किस के पास छोड़ आया है? तेरा अभिमान और तेरे मन की बुराई मुझे मालूम है; तू तो लड़ाई देखने के लिथे यहां आया है।
 
29 दाऊद ने कहा, मैं ने अब क्या किया है, वह तो निरी बात यी?
 
30 तब उस ने उसके पास से मुंह फेरके दूसरे के सम्मुख होकर वैसी ही बात कही; और लोगोंने उसे पहिले की नाई उत्तर दिया।
 
31 जब दाऊद की बातोंकी चर्चा हुई, तब शाऊल को भी सुनाई गई; औश्र् उस ने उसे बुलवा भेजा।
 
32 तब दाऊद ने शाऊल से कहा, किसी मनुष्य का मन उसके कारण कच्चा न हो; तेरा दास जाकर उस पलिश्ती से लड़ेगा।
 
33 शाऊल ने दाऊद से कहा, तू जाकर उस पलिश्ती के विरूद्ध नहीं युद्ध कर सकता; क्योंकि तू तो लड़का ही है, और वह लड़कपन ही से योद्धा है।
 
34 दाऊद ने शाऊल से कहा, तेरा दास अपके पिता की भेड़ बकरियां चराता या; और जब कोई सिंह वा भालू फुंड में से मेम्ना उठा ले गया,
 
35 तब मैं ने उसका पीछा करके उसे मारा, और मेम्ने को उसके मुंह से छुड़ाया; और जब उस ने मुझ पर चढ़ाई की, तब मैं ने उसके केश को पकड़कर उसे मार डाला।
 
36 तेरे दास ने सिंह और भालू दोनोंको मार डाला; और वह खतनारहित पलिश्ती उनके समान हो जाएगा, क्योंकि उस ने जीवित परमेश्वर की सेना को ललकारा है।
 
37 फिर दाऊद ने कहा, यहोवा जिस ने मुझ सिंह और भालू दोनोंके पंजे से बचाया है, वह मुझे उस पलिश्ती के हाथ से भी बचाएगा। शाऊल ने दाऊद से कहा, जा, यहोवा तेरे साय रहे।
 
38 तब शाऊल ने अपके वस्त्र दाऊद को पहिनाए, और पीतल का टोप उसके सिर पर रख दिया, और फिलम उसको पहिनाया।
 
39 और दाऊद ने उसकी तलवार वस्त्र के ऊपर कसी, और चलने का यत्न किया; उस ने तो उनको न परखा या। इसलिथे दाऊद ने शाऊल से कहा, इन्हें पहिने हुए मुझ से चला नहीं जाता, क्योंकि मैं ने नहीं परखा। और दाऊद ने उन्हें उतार दिया।
 
40 तब उस ने अपक्की लाठी हाथ में ले नाले में से पांच चिकने पत्यर छांटकर अपक्की चरवाही की यैली, अर्यात्‌ अपके फोले में रखे; और अपना गोफन हाथ में लेकर पलिश्ती के निकट चला।
 
41 और पलिश्ती चलते चलते दाऊद के निकट पहुंचने लगा, और जो जन उसकी बड़ी ढाल लिए या वह उसके आगे आगे चला।
 
42 जब पलिश्ती ने दृष्टि करके दाऊद को देखा, तब उसे तुच्छ जाना; क्योंकि वह लड़का ही या, और उसके मुख पर लाली फलकती यी, औश्र् वह सुन्दर या।
 
43 तब पलिश्ती ने दाऊद से कहा, क्या मैं कुत्ता हूं, कि तू लाठी लेकर मेरे पास आता है? तब पलिश्ती अपके देवताओं के नाम लेकर दाऊद को कोसने लगा।
 
44 फिर पलिश्ती ने दाऊद से कहा, मेरे पास आ, मैं तेरा मांस आकाश के पझियोंऔर बनपशुओं को दे दूंगा।
 
45 दाऊद ने पलिश्ती से कहा, तू तो तलवार और भाला और सांग लिए हुए मेरे पास आता है; परन्तु मैं सेनाओं के यहोवा के नाम से तेरे पास आता हूं, जो इस्राएली सेना का परमेश्वर है, और उसी को तू ने ललकारा है।
 
46 आज के दिन यहोवा तुझ को मेरे हाथ में कर देगा, और मैं तुझ को मारूंगा, और तेरा सिर तेरे धड़ से अलग करूंगा; और मैं आज के दिन पलिश्ती सेना की लोथें आकाश के पझियोंऔर पृय्वी के जीव जन्तुओं को दे दूंगा; तब समस्त पृय्वी के लोग जान लेंगे कि इस्राएल में एक परमेश्वर है।
 
47 और यह समस्त मण्डली जान लेगी की यहोवा तलवार वा भाले के द्वारा जयवन्त नहीं करता, इसलिथे कि संग्राम तो यहोवा का है, और वही तुम्हें हमारे हाथ में कर देगा।
 
48 जब पलिश्ती उठकर दाऊद का साम्हना करने के लिथे निकट आया, तब दाऊद सना की ओर पलिश्ती का साम्हना करने के लिथे फुर्ती से दौड़ा।
 
49 फिर दाऊद ने अपक्की यैली में हाथ डालकर उस में से एक पत्यर निकाला, और उसे गोफन में रखकर पलिश्ती के माथे पर ऐसा मारा कि पत्यर उसके माथे के भीतर घुस गया, और वह भूमि पर मुंह के बल गिर पड़ा।
 
50 योंदाऊद ने पलिश्ती पर गोफन और एक ही पत्यर के द्वारा प्रबल होकर उसे मार डाला; परन्तु दाऊद के हाथ में तलवार न यी।
 
51 तब दाऊद दौड़कर पलिश्ती के ऊपर खड़ा हुआ, और उसकी तलवार पकड़कर मियान से खींची, और उसको घात किया, और उसका सिर उसी तलवार से काट डाला। यह देखकर कि हमारा वीर मर गया पलिश्ती भाग गए।
 
52 इस पर इस्राएली और यहूद पुरूष ललकार उठे, और गत और एक्रोन से फाटकोंतक पलिश्तियोंका पीछा करते गए, और घायल पलिश्ती शारैम के मार्ग में और गत और एक्रोन तक गिरते गए।
 
53 तब इस्राएली पलिश्तियोंका पीछा छोड़कर लौट आए, और उनके डेरोंको लूट लिया।
 
54 और दाऊद पलिश्ती का सिर यरूशलेम में ले गया; और उसके हयियार अपके डेरे में धर लिए।।
 
55 जब शाऊल ने दाऊद को उस पलिश्ती का साम्हना करने के लिथे जाते देखा, तब उस ने अपके सेनापति अब्नेर से पूछा, हे अब्नेर, वह जवान किस का पुत्र है? अब्नेर ने कहा, हे राजा, तेरे जीवन की शपय, मैं नहीं जानता।
 
56 राजा ने कहा, तू पूछ ले कि वह जवान किस का पुत्र है।
 
57 जब दाऊद पलिश्ती को मारकर लौटा, तब अब्नेर ने उसे पलिश्ती का सिर हाथ में लिए हुए शाऊल के साम्हने पहुंचाया।
 
58 शाऊल ने उस से पूछा, हे जवान, तू किस का पुत्र है? दाऊद ने कहा, मैं तो तेरे दास बेतलेहेमी यिशै का पुत्र हूं।।
 
 

  [ Prev ] 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | [ Next ]